Electric Vehicle In India: भारत सरकार का थिंक टैंक माना जानें वाला आयोग, NITI आयोग और TIFAC के द्वारा जारी एक रिपोर्ट में 2026-27 तक भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स वाहनों की 100 फ़ीसदी डिमांड होने का अनुमान लगाया गया. इस रिपोर्ट का विषय 'भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर का फोरकास्टिंग पेनेट्रेशन’ है. कम शब्दों में कहें तो इंडियन मार्केट में आगामी 5 सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड ज्यादा देखने को मिल सकती है और 2027 तक यह डिमांड 100% तक पहुंच सकती है.


भारत देश में science and technology department के अंतर्गत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने, आकलन करने और आविष्कार का समर्थन करने के लिए एक संस्था की स्थापना सन् 1988 में की गई, जिसका नाम TIFAC है. यह एक स्वायत्त संगठन (autonomous organization) है. यह संस्था पॉलिसी, प्रौद्योगिकी के विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग कैपेबिलिटी जैसी फील्ड में अपना सहयोग प्रदान करती है.


 इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग 2032 तक 72% हो जाएगी- जारी रिपोर्ट के अनुसार, अगर 2025-26 तक अनुसंधान और डेवलपमेंट के जरिए इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज और पावर में 5% की वृद्धि होती है और साथ ही यह वृद्धि वित्त वर्ष 2026-27 तक 10% की दिखने को मिलती है तो फाइनेंशियल ईयर 2021-32 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मांग 72% हो जाने के आसार हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स वाहनों की सेल 220 लाख यूनिट के पार वित्त वर्ष 2028 से 29 तक देखने को मिल सकती है. 


इलेक्ट्रिक वाहनों में होगा बड़ा बदलाव- जारी रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के सेगमेंट में चेंजेस भी देखने को मिल सकते हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर देश में ग्राहकों के बीच एक पॉजिटिव नजरिया देखने को मिल रहा है. वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदने वाले ग्राहकों में इसके प्रति विश्वास जगाने के लिए देश में बड़ी तादाद में चार्जिंग प्वाइंट स्टेशन की स्थापना भी करनी होगी. जारी रिपोर्ट में आगे यह भी कहा गया है कि डीजल और पेट्रोल की उछलती कीमतों के बीच ग्राहकों में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति झुकाव देखने को मिला है और यह इलेक्ट्रिक वाहन लोगों को पसंद भी आ रहें हैं साथ ही इन वाहनों को लेकर उनमें जागरूकता भी देखने को मिली है. 


2030 तक हर दूसरा वाहन देखने को मिलेगा इलेक्ट्रिक व्हीकल- काउंटरपॉइंट रिसर्च की हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ संसार में 2030 तक प्रत्येक दूसरा वाहन इलेक्ट्रिक वाहन होगा. रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) को अपनाने में, ग्राहकों के बीच पर्यावरण के प्रति सकारात्मक सोच, सरकार द्वारा किए गए प्रयास, कार्बन एमिशन स्टैंडर्ड और कंपनियों के लिए बन रहा इकोसिस्टम जैसे फैक्टर मददगार साबित हो रहें हैं.


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