Electric Two Wheelers Sale: सोसायटी आफ मैन्यूफैक्चरर्स आफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने मौजूदा 2022-23 के फाइनेंशियल ईयर में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की सेल तीन गुना तक बढ़ाने का अनुमान लगाया है. इस वृद्धि की मुख्य कारण पेट्रोल की दामों में लगातार बढ़ोत्तरी और सरकारी तौर पर इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की खरीद पर मिलने वाले इंसेंटिव को बताया जा रहा है. देश भर में अगले तीन से चार साल में बैट्री स्वैपिंग की सुविधा के भी विस्तृत विस्तार होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री और अधिक बढ़ने की उम्मीद है.
संस्था की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
SMEV के अनुमान के अनुसार, इस वित्त वर्ष में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की बिक्री 10 लाख यूनिट के पार जा सकती है. जबकि पिछले फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में ऐसे वाहनों की कुल बिक्री 3.45 लाख यूनिट थी, और यह बिक्री वित्त वर्ष 2020-21 में केवल 1.46 लाख यूनिट्स की ही थी. विभिन्न कंपनियों के सेल्स रिपोर्ट के हर साल भारत में 1.5 करोड़ से ज्यादा टू व्हीलर्स की बिक्री होती है. इस वित्त वर्ष में इन वाहनों की कुल सेल में करीब 8% हिस्सा इलैक्ट्रिक टू व्हीलर्स के होने का अनुमान है. यह हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष तक केवल 2 % ही थी.
सरकार का क्या कहना है?
देश के भारी उद्योग मंत्रालय के मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने कुछ दिनों पहले आयोजित हुए एक एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार साल 2030 तक टू व्हीलर्स के सेगमेंट में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी का लक्ष्य लेकर चल रही है. जिसके लिए सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. एसएमईवी के मैनेजिंग डायरेक्टर एसएस गिल का कहना है कि सरकार की तरफ से दोपहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर इंसेंटिव बढ़ाए जाने के कारण ग्राहकों को बहुत प्रोत्साहन मिला है. एक किलोवाट की बैट्री पर मिलने वाला इंसेंटिव अब 10,000 रुपये से बढ़कर 15,000 रुपये हो चुका है. जिससे ग्राहक एक इलेक्ट्रिक स्कूटर की खरीद पर 30-40 हजार रुपये का इंसेंटिव के स्थान पर अब 45-60 हजार रुपये का इंसेंटिव प्राप्त कर सकते हैं. क्योंकि एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में सामान्यतौर पर तीन से चार किलोवाट का बैट्री पैक दिया जाता है. अब इलेक्ट्रिक स्कूटरों की कीमत 70,000 रुपये तक आ चुकी है. इन वाहनों में लगे बैटरी कम से कम चार साल बाद बदला जाता है, और इतने समय तक चलाने के लिए इन्हें चार्ज करने के अलावा अन्य कोई खर्च की आवश्यकता नहीं होती है.
बढ़ गई है बिक्री
पेट्रोल की कीमतों में इजाफे के बाद लोग से इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स की ओर अधिक आकर्षित हुए हैं, जिस कारण इनकी डिमांड काफ़ी बढ़ गई है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस समय सभी इलेक्ट्रिक टू व्हीलर्स पर कम से कम 40 से 60 दिनों की वेटिंग है. जानकारों के मुताबिक बैटरी स्वैपिंग सुविधा चालू होने के बाद अगले तीन-चार साल में ऐसे वाहनों की रीसेल वैल्यू भी अधिक हो जाएगी, क्योंकि इस सुविधा के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की पुरानी बैट्री को बदलने के लिए नई बैटरी खरीदने की आवश्यकता खत्म हो जाएगी.
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