Road Accident: सड़क दुर्घटनाओं में कमी करने के लिए देश की केंद्र सरकार तरह-तरह के प्रयास कर रही है, इसके नियंत्रण के लिए सड़क के किनारे सुविधाओं के लिए हेलीपैड बनाने सहित कई कदम उठाए जा रहे हैं. दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वी के सिंह (V K Singh) ने ये बात कही है. मंत्री ने कहा कि ये हेलीपैड राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे के किनारे बनाए जा रहे हैं, जिससे कि किसी को भी जरूरत पड़ने पर इमरजेंसी में देखभाल की जा सके.
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि, सरकार ने आपात स्थिति से निबटने के लिए राजमार्गों पर प्रत्येक टोल प्लाजा पर एम्बुलेंस लगाई गई हैं, लेकिन इस क्षेत्र में और भी ज्यादा काम करने की जरूरत है. आगे कहा कि अस्पताल हेलीपैड पर ट्रॉमा सेंटर भी स्थापित कर सकते हैं. सरकार द्वारा उठाये गए एक अन्य कदम में कारों में इस्तेमाल होने वाले एयरबैग के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाना शामिल है.
हादसे कम करना है सरकार का लक्ष्य- कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वीके सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में से 11 फीसदी दुर्घटनाएं भारत में होती हैं. सरकार का लक्ष्य दुर्घटनाओं की संख्या में कमी करना है. उन्होंने आगे कहा कि हमारा (सरकार) अगला कदम इस संख्या को मौजूदा समय में 5 लाख प्रतिवर्ष से दो लाख प्रति वर्ष कम करने की दिशा में काम करना है. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि अगर सभी इस दिशा में काम करने के लिए सहयोग करें तो हम अपने मकसद में कामयम हो सकते हैं. इस संख्या स्तर को नीचे लाया जा सकता है.
सबके सहयोग की है ज़रूरत- मंत्री ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं दूसरों की गलती के कारण होती हैं. और तमाम कोशिशों के बावजूद सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता का प्रभाव बहुत कम देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के लिए एक इको-सिस्टम बनाने की जरूरत है और इसमें सभी को अपनी सहभागिता दिखानी पड़ेगी.
यहां पर आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दुर्घटना में होने वाली मौतों के मामले में भारत तीसरे स्थान पर आता है. वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने समय-समय पर देश में मजबूत सड़क सुरक्षा उपायों की आवश्यकताओं की दिशा में काम किया है. अप्रैल महीने में राज्यसभा की सभा में मंत्री ने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ द्वारा लाए गए विश्व सड़क सांख्यिकी (डब्ल्यूआरएस) 2018 के आधार पर भारत दुर्घटनाओं की संख्या के मामले में भारत तीसरे नम्बर पर है. इसके साथ ही उन्होंने दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कई कदमों के बारे में भी अवगत कराया.
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