Petrol vs Electric Scooter: देश में दोपहिया वाहन चलाने वालों की संख्या बहुत अधिक है इसलिए बाइक और स्कूटर्स की देश में खूब सेल होती है. लेकिन अब नए दौर में धीरे धीरे इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का भी चलन बढ़ने लगा है. महंगे पेट्रोल और डीजल के कारण अब लोगों ने अब इन इंधनों से चलने वाले वाहनों से दूरी बनाना शुरू कर दिया है. लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो एक नया स्कूटर तो खरीदना चाहते हैं लेकिन यह नहीं तय कर पा रहे हैं कि उन्हें एक पेट्रोल स्कूटर खरीदना चाहिए या एक इलेक्ट्रिक स्कूटर. अगर आप भी इस सोच में हैं कि कौन सा स्कूटर खरीदा जाए तो पहले आपके लिए इन दोनों ही स्कूटर्स के फायदे और नुकसान के बारे में जानना बेहद जरूरी है.
इलेक्ट्रिक स्कूटर: फायदे
- ये दिखने में बहुत आकर्षक और हल्के होते हैं.
- ये बहुत ही सरल एक्सेलरेशन और स्मूथ राइड का मजा देते हैं.
- इनका टॉर्क काफी अधिक होता है जिससे बेहतर परफॉर्मेंस का अनुभव होता है.
- इन्हें चलाने का खर्च लगभग 50 पैसे/किलोमीटर पड़ता है
इलेक्ट्रिक स्कूटर: नुकसान
- इनके बैटरी लाइफ की औसत लगभग 4 सालों के करीब होती है, जो कि बहुत कम है.
- इलेक्ट्रिक स्कूटर के बिगड़े हुए पार्ट्स बाजार में आसानी से बाजार में उपलब्ध नहीं होते हैं.
- इनकी सवारी पर आप लंबी दूरी की यात्रा नहीं कर सकते हैं.
- इन्हें चार्ज करने में काफी समय लग जाता है साथ ही बाहर किसी स्थान पर चार्जिंग पॉइन्ट्स का मिलना भी मुश्किल है.
पेट्रोल स्कूटर: फायदे
- कभी खराब होने पर पेट्रोल स्कूटर के सभी पार्ट्स आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं, साथ ही इसके लिए मैकेनिक भी हर जगह मिल जाते हैं.
- इससे आप बिना टेंशन के कितनी भी लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं.
पेट्रोल स्कूटर: नुकसान
- पेट्रोल स्कूटर को चलाने का खर्च अधिक होता है, जो कि लगभग 2.5 रुपये/किलोमीटर पड़ता है.
- यह स्कूटर पर्यावरण को भी बहुत नुकसान पहुंचाते हैं.
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