(Source: Matrize)
Automatic Valet Parking System: BMW-Valeo डेवलप कर रही हैं 'आटोमेटिक वैलेट पार्किंग' सिस्टम, अपकमिंग बीएमडब्ल्यू कारों में होगा इस्तेमाल
आने वाले आईएसओ मानक के अनुसार, ऑटोमेटिक वैलेट पार्किंग को दो मुख्य श्रेणियों, टाइप 1 और टाइप 2 सिस्टम में बांटा गया है टाइप 1 सिस्टम में वाहन सभी सेंसर, कंप्यूटिंग इकाइयां और एल्गोरिदम पर चलता है.
BMW-Valeo Automatic Parking System: बीएमडब्ल्यू ग्रुप और वैलेओ आपसी सहयोग से लेवल 4 तक फुली ऑटोमेटिक पार्किंग टेक्नोलॉजी को विकसित करने में जुटी हुई हैं. इस न्यू जेनरेशन तकनीक के लिए कंपनियों को एक ADAS डोमेन कंट्रोलर, सेंसर और बीएमडब्ल्यू की आने वाली कारों के लिए नए सॉफ्टवेयर की ज़रूरत होगी. जनवरी में दोनों कंपनियों ने रणनीतिक सहयोग के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो निजी क्षेत्रों में पार्किंग सुविधाओं में बदलाव लाने के लिए पार्किंग सिस्टम के साझा विकास पर केंद्रित होगा. ऑटोमेटेड मैन्यूवर असिस्टेंस से लेकर लेवल 4 ऑटोमेटेड वैलेट पार्किंग तक, सभी फंक्शन कार में टेक्नोलॉजी और सेंसर पर बेस्ड होंगे. सार्वजनिक पार्किंग फैसिलिटीज और साइट पर पूरी तरह से ऑटोमेटिक पार्किंग और चार्जिंग का करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर-बेस्ड सर्विसेज को भी डेवलप किया जाएगा.
स्टैक सॉफ्टवेयर पर है आधारित
इन दोनों कंपनियों के समझौते की अवधि के दौरान इन ऑटोमेटिक पार्किंग से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए दोनों कम्पनियां 100 से अधिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट एक्सपर्ट्स को शामिल करेंगी. ये सॉफ्टवेयर फ़ंक्शंस वर्तमान में ऑटोमेटिक पार्किंग सॉफ़्टवेयर स्टैक पर आधारित हैं, जिसे पहली बार 2021 में बीएमडब्ल्यू iX के साथ लॉन्च किया गया था.
क्या है ऑटोमेटिक वैलेट पार्किंग?
ऑटोमेटेड वैलेट पार्किंग (AVP) ड्राइवरों और यात्रियों को पूरी तरह से ऑटोमेटिक और ड्राइवरलेस पार्किंग एक्सपीरियंस प्रदान करता है. ड्रॉप-ऑफ ज़ोन में, ड्राइवर कार को छोड़ देता है और कार, पार्किंग स्पॉट ढूंढने से लेकर अंदर और बाहर पार्किंग के लिए जरूरी स्किल्स का कंट्रोल अपने पास रखती है. ड्राइवर के गाड़ी को वापस बुलाने पर कार अपने आप ही पार्किंग से निकलकर उसके पास पहुंच जाती है. पार्किंग के दौरान समय के उपयोग करने के लिए ऑटोमेटिक चार्जिंग और ऑटोमेटिक धुलाई भी की जा सकती है.
दो प्रकार का है सिस्टम
आने वाले आईएसओ मानक के अनुसार, ऑटोमेटिक वैलेट पार्किंग को दो मुख्य श्रेणियों, टाइप 1 और टाइप 2 सिस्टम में बांटा गया है टाइप 1 सिस्टम में वाहन सभी सेंसर, कंप्यूटिंग इकाइयां और एल्गोरिदम पर चलता है, जबकि टाइप 2 सिस्टम में सेंसर और एवीपी मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए वाहन को कंट्रोल किया जाता है.