Automotive Sector In India: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने केंद्रीय बजट 2022 के भाषण में भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कुछ घोषणाएं कीं. इनमें इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई बैटरी स्वैप पॉलिसी की घोषणा की. सरकार ने कृषि क्षेत्र की सहायता के लिए अन्य लाभों के साथ-साथ 2.73 लाख करोड़ रुपये के एमएसपी भुगतान की भी घोषणा की है, जो अंततः ग्रामीण बाजारों में ऑटोमोबाइल की मांग को बढ़ने में मदद कर सकता है.
बैट्री स्वैपिंग पॉलिसी (Battery Swapping Policy)
बजट 2022 में वित्त मंत्री द्वारा की गई प्रमुख घोषणाओं में से एक बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी है. यदि इसे कुशलतापूर्वक लागू किया जाता है, तो यह भारत में पूरे EV इकोसिस्टम को फायदा कर सकता है. वाहन निर्माताओं और ईवी चार्जिंग इंफ्रा प्लेयर्स को भी इस पॉलिसी से फायदा मिलेगा जो भारत में ईवी अपनाने को बढ़ावा दे सकती है. इस पॉलिसी से लोगों और सामानों दोनों के लिए लास्ट मील तक गतिशीलता के लिए इलेक्ट्रिफिकेशन के मूवमेंट की उम्मीद है. इस बैटरी स्वैपिंग नीति के तहत, सरकार निजी कंपनियों को बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन और प्रौद्योगिकी स्थापित करने की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगी.
यह भी पढ़ें: Budget 2022: फिनटेक कंपनियों को बजट से वित्तीय समावेश, प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EVs In Public Transport)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में क्लीनटेक और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करेगी. इससे इलेक्ट्रिक बसों और कमर्शियल वाहनों का निर्माण करने वाली ऑटो कंपनियों को और मदद मिलेगी. इस रणनीति से उन कंपनियों के संबंधित सप्लाई चेन पार्टनर्स को भी मदद मिलेगी. इस घोषणा का असर केवल कुछ कंपनियों पर पड़ेगा, पूरे ऑटोमोटिव सेक्टर पर नहीं.
यह भी पढ़ें: Budget 2022: बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी से मिलेगा इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को बूस्ट, सरकार का बजट 2022 में ऐलान
कार बाइक स्कूटर के सस्ते होने की उम्मीद नहीं (Cars, Bikes, Scooters Won't Get Cheaper)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जहां भारत में बड़े पैमाने पर ऑटो उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ घोषणाएं की हैं, वहीं ऑटोमोटिव उद्योग की सभी उम्मीदें पूरी नहीं हुई हैं. नए इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए प्रोत्साहन, टैक्स कटौती और संशोधित शुल्क संरचना जैसी प्रमुख चीजों में लगभग कोई बदलाव नहीं किया गया है. साथ ही, ऑटो उद्योग को बढ़ती इनपुट लागत से उबरने में मदद करने के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई. इसलिए, यह बहुत कम संभावना है कि कार, बाइक, स्कूटर की कीमत सस्ती हो जाएगी. इसके बजाय, वाहन निर्माताओं पर निरंतर दबाव के परिणामस्वरूप लघु से मध्यम अवधि में लागत में बढ़ोतरी हो सकती है.
यह भी पढ़ें: Union Budget 2022: बजट में रेलवे को बड़ा तोहफा, 3 साल में चलाई जाएंगी 400 नई वंदे भारत ट्रेनें
डिफेंस आरएंडडी में प्राइवेट प्लेयर्स (Opening Defence R&D To Private Players)
रक्षा आरएंडडी को निजी कंपनियों के लिए खोलने की घोषणा भारत में ऑटो कंपोनेंट कंपनियों के लिए एक नया ग्रोथ सेगमेंट खोल सकती है. टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसे कार निर्माता पहले से ही अपने-अपने विंग के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में काम कर रहे हैं. वे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए वाहन बनाते रहे हैं. अब, निजी प्लेयर्स के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास को खोलने से उन्हें नए राजस्व और विकास क्षेत्र में मदद मिलेगी. हालांकि, यह केवल कुछ प्लेयर्स तक ही सीमित होगा.
यह भी पढ़ें: Budget 2022: ITR में गड़बड़ी को सुधार करने के लिए 2 साल का समय मिलेगा, जानें बजट में करदाताओं के लिए क्या है
रूरल व्हीकल डिमांड के लिए 2.73 लाख करोड़ रुपये एमएसपी (2.73 Lakh Crore MSP Payment To Boost Rural Vehicle Demand)
सरकार ने कृषि क्षेत्र की सहायता के लिए अन्य लाभों के साथ-साथ 2.73 लाख करोड़ रुपये के एमएसपी भुगतान की घोषणा की है. यह ग्रामीण आर्थिक भावना को सुधारने में मदद कर सकता है और अंततः ग्रामीण बाजारों में वाहनों की मांग में सुधार कर सकता है जो छोटे कमर्शियल वाहनों और ट्रैक्टरों के साथ दोपहिया, एंट्री लेवल की कारों और एसयूवी की बिक्री में बड़े पैमाने पर योगदान करते हैं. कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर ने ग्रामीण आर्थिक भावना को बुरी तरह प्रभावित किया, जिसे इस रणनीति के माध्यम से पुनर्जीवित किया जा सकता है.
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए 20000 करोड़ रुपये (20k Crore To Boost Infrastructure Projects)
वित्त मंत्री ने मंगलवार को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 20,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की. यह अंततः वाणिज्यिक वाहनों की मांग को बढ़ावा देगा क्योंकि नई परियोजनाएं बड़े पैमाने पर नए सीवी की मांग पैदा करती हैं. 2022-23 में पूरे भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों के 25,000 किमी के विस्तार की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब सीवी क्षेत्र महामारी की चपेट में आ गया है और अभी पुनरुद्धार के संकेत दिखाना शुरू कर दिया है.
यह भी पढ़ें: Budget 2022: विदेश जाने वालों के लिए बजट में बड़ा ऐलान, साल 2022-23 से मिलेंगे चिप वाले ई-पासपोर्ट
Car loan Information:
Calculate Car Loan EMI