First Car Buying Tips: भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमत, कार की कीमत और लोन पर कार खरीदने पर लगने वाले ब्याज में होती वृद्धि के बावजूद, प्राइवेट कार की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. किसी भी वेरिएंट, फ्यूल ऑप्शन या नई/पुरानी कार खरीदना एक बड़ा ही कैलकुलेटेड वाला डिसीजन है. आपको इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है. जिनके बारे में हम आगे बताने जा रहे हैं.
सेगमेंट
एसयूवी सेगमेंट भारत में इस समय सबस तेजी से आगे बढ़ने वाला सेगमेंट है, जबकि एक एसयूवी में जिन चीजों का होना जरुरी है, उनमें इस समय काफी कॉम्पिटिशन है. क्योंकि एसयूवी के तौर पर आने वालीं ज्यादातर एंट्री लेवल कार अपनी थोड़ी सी बढ़ी हुई ऊंचाई, ग्राउंड क्लीयरेंस और आधे निचले हिस्से में मौजूद प्लास्टिक क्लैडिंग के साथ, एक हैचबैक को फॉलो करती हुई दिखती हैं. जबकि इन फीचर्स से आपको ऑफ-रोड पर कोई खास एडवांटेज देखने को नहीं मिलता.
गाड़ियों की कीमत
इसमें कोई दोराय नहीं कि मारुति अपने फील्ड की दिग्गज खिलाडी है. जिसकी वजह, इसकी गाड़ियों का किफायती मेंटिनेंस/सर्विस, गाड़ियों की बिक्री के लिए एक बड़ा नेटवर्क और गाड़ियों से मिलने वाला शानदार माइलेज. इसीलिये ज्यादातर ग्राहकों की पहली पसंद मारुति होती है और यही बातें गाड़ी की रीसेल वैल्यू को बेहतर बनाने का काम करती हैं.
सेफ्टी रेटिंग
भारत की सडकों के लिए ये एक बहुत ही जरुरी चीज है, जहां सड़क दुर्घटनाएं बड़ी संख्या में देखने को मिलती हैं. इसलिए सेफ्टी फीचर भारत में बिकने वाली गाड़ियों में अब बड़ा रोल प्ले कर रहा है. जिसमें मारुति जैसा ब्रांड भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहा है. हाल ही में अपनी गाड़ियों को कुछ सेफ्टी फीचर्स और सेफ्टी रेटिंग (GNCAP के अनुसार) के साथ पेश कर चुकी है. इसके अलावा इस सेगमेंट में मौजूद अन्य ब्रांड जैसे टाटा और महिंद्रा ने अपनी गाड़ियों (पंच, अल्ट्राज और एक्सयूवी300) के लिए 5 सेफ्टी रेटिंग लेने में कामयाब रहीं. वहीं भारत की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी, हुंडई भी अपनी आई10 नियोस, आई20 और क्रेटा जैसी गाडियों की बिक्री बेहतर सेफ्टी फीचर्स के साथ कर रही है.
रीसेल वैल्यू
इस मामले में कुछ ब्रांड्स बाकियों के मामले में अच्छी स्थिति में हैं, जिसमें होंडा और टोयोटा की गाड़ियों को अच्छी रीसेल वैल्यू मिलती है. जबकि ये गाड़ियों बाकियों की तुलना में कीमती भी हैं. वहीं मारुति की डिजायर और मारुति वैगन आर इस लिस्ट में सबसे ऊपर हैं. हुंडई की क्रेटा भी इस लिस्ट में शामिल है.
फ्यूल टाइप
कड़े उत्सर्जन नियम, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बाद भी लगभग हर सेगमेंट में पेट्रोल गाड़ियों की मांग ज्यादा है, लेकिन अच्छी खबर ये है कि, अब फैक्ट्री फिटेड सीएनजी के ऑप्शन पहले के मुकाबले अब काफी ज्यादा हैं. यहां तक कि अब अल्ट्रोज जैसी प्रीमियम गाड़ी भी सीएनजी में उपलब्ध है. जिसका सीधा फायदा इससे मिलने वाला बेहतर माइलेज है.
वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बात करें तो, मार्केट में सबसे किफायती इलेक्ट्रिक कार 10 लाख रुपये के अंदर खरीदी जा सकती है, जिससे आरामदायक राइड लेने के साथ-साथ हर महीने पेट्रोल पर होने वाले खर्च की बचत की जा सकती है. लेकिन एंट्री लेवल इलेक्ट्रिक गाड़ियां फिलहाल शहर के अंदर यूज करने के लिहाज से बेहतर हैं.
सेकंड हैंड कार
अगर आप बजट के चलते सेकंड हैंड कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो मारुति सुजुकी ऑल्टो, वैगन-आर और क्विड जैसे एंट्री लेवल गाड़ियां अच्छा ऑप्शन है. लेकिन यूज्ड कार खरीदते वक्त आपको कार को अच्छी तरह से जांचना जरुरी होता है. खासकर तब तो जरूर, जब कार ठीक-ठाक चली हुई हो. साथ ही इसकी कीमत के लिए मोल-भाव जरूर करें.
फाइनेंसिंग
जानकारी के मुताबिक, लगभग 80 प्रतिशत नई कार खरीदने वाले ग्राहक लोन पर कार लेते हैं. इसलिए अगर आप भी अपनी कार को लोन के साथ खरीद रहे हैं, तब आपको अपनी सैलेरी का भी ध्यान रखना होगा, ताकि ईएमआई समय से दे सकें. इसमें किसी भी तरह की जल्दबाजी आपका नुकसान करा सकती है.
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