Electric Car Batteries: ईंधन के विकल्प के रूप में अब लोग इलेक्ट्रिक वाहनों में ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं. हर साल इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. यही कारण है कि ईवी वाहन निर्माता कंपनियां भी इस सेगमेंट पर काफी फोकस कर रही हैं. लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बैटरी को लेकर लोग अभी भी दुविधा में देखे जा सकते हैं. इसीलिए हम आपको ईवी में प्रयोग की जाने वाली लिथियम आयरन फास्फेट और निकेल मैंगनीज कोबाल्ट बैटरी के बारे में जानकारी दे रहे हैं. ताकि आप ईवी लेते वक्त इसका ख्याल रख सकें.


बैटरी लाइफ


कोई भी वाहन निर्माता कंपनी इस बात की गारंटी नहीं दे सकती, कि बैटरी की फिक्स उम्र क्या होगी. सभी कंपनियां एक अनुमानित समय सीमा ही बतातीं हैं. साथ ही अगर इसमें बीच में खराबी होने पर वारंटी की सुविधा भी प्रदान करती हैं. अगर लिथियम आयरन फास्फेट (LFP) बैटरी की बात करें, तो इनकी उम्र कम होती है. लेकिन ये NMC से अधिक पावर स्टोर और रिलीज करने की छमता रखती हैं. वहीं निकेल मैंगनीज कोबाल्ट (NMC) की लाइफ ज्यादा होती है, लेकिन पावर स्टोरेज  कैपेसिटी कम होती है.


बैटरी सेफ्टी


जब बात बैटरी सेफ्टी की आती है तो लिथियम आयरन फास्फेट (LFP), निकेल मैंगनीज कोबाल्ट (NMC) बैटरी से ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है. तापमान सहने की छमता निकेल मैंगनीज कोबाल्ट की तुलना में लिथियम आयन फॉस्फेट अधिक तापमान सह सकती है. इसीलिए LFP बैटरी NMC से ज्यादा सेफ मानी जाती है.


पावर कैपेसिटी


अगर एनएमसी बैटरी की बात करें तो, इसकी लाइफ 800 गुना तक होती है. जबकि एलएफपी बैटरी की लाइफ 3000 गुना से भी अधिक हो सकती है. अगर इसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये तो इसकी लाइफ 6000 गुना तक ज्यादा हो सकती है.


इसलिए अगर आप एक इलेक्ट्रिक व्हीकल लेने का प्लान कर रहे हैं या प्लान बना चुके हैं. तो इन बातों की जानकारी होने पर आप एक बेहतर ईवी चुन सकते हैं. जिससे न केवल आपको अधिक पावर रेंज वाली कार चुनने में आसानी होगी, बल्कि एक ज्यादा सुरक्षित इलेक्ट्रिक कार भी चुन पाएंगे.


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