Car Care Tips: अधिकतर लोगों को देखा जाता है कि जब उनकी गाड़ी का पेट्रोल बिल्कुल खत्म हो जाता है, उसके बाद वह गाड़ी में फ्यूल डलवाते हैं. ऐसे में पेट्रोल या डीजल खत्म होने का रिस्क तो रहता ही है साथ ही गाड़ी के माइलेज और इंजन पर भी असर पड़ता है. ऐसे में आइए आज हम आपको बताते हैं कि आपकी गाड़ी में फ्यूल डलवाने से पहले कितना पेट्रोल या डीजल पहले से ही होना चाहिए, ताकि गाड़ी का माइलेज भी बेहतर और इसके इंजन पर भी कोई असर ना पड़े.

 

गाड़ी में इतना फ्यूल होना है जरूरी

1. अगर आप कार चलाते समय एयर लॉक की समस्या से बचना चाहते हैं, तो हमेशा अपने फ्यूल टैंक की क्षमता को 30% से ज्यादा ही रखें. यानी कि जब आपकी गाड़ी रिजर्व में आए तो आपको तुरंत इसमें पेट्रोल फिल करवा लेना चाहिए. इससे गाड़ी के फ्यूल पाइप में एयर नहीं जाती है।
  

 

2. फ्यूल होने के बाद भी एयर ट्रैप के चलते आपकी गाड़ी का इंजन बार-बार बंद हो जाता है, तो आपको एक बार फ्यूल फिल्टर या वॉटर सेपरेटर को चेक करना चाहिए.

 

3. समय-समय पर फ्यूल फिल्टर की सफाई करवाते रहना चाहिए. इससे इंजन फेल होने की संभावना कम हो सकती है और माइलेज भी अच्छा रहता है.

 

इन चीजों का भी रखें ध्यान 

- आप अपनी कार में बहुत पुराना इंधन नहीं रखें, क्योंकि इंधन पुराना हो जाने से इंजन ठीक तरीके से काम नहीं करता है और इंजन में जंग लगने का खतरा भी बना रहता है.

 

- वैसे तो कार में 6 से 12 महीने तक फ्यूल टैंक में पड़ा हुआ फ्यूल खराब नहीं होता है, लेकिन अगर इससे ज्यादा समय से गाड़ी में फ्यूल पड़ हुआ है, तो आप उसे खत्म कर दें, और कार में नया फ्यूल डलवा लीजिए.

 

- अगर आप अपने कार में डाले हुए फ्यूल को चेक करना चाहते हैं कि यह सही है या पुराना हो गया है, तो आप गाड़ी स्टार्ट करते समय उसकी आवाज से अंदाजा लगा सकते हैं. अगर बार-बार एक्सीलेटर दबाने पर कुछ अलग सी आवाज आए तो समझ जाए कि इंधन खराब हो चुका है और इसे मैकेनिक के पास जाकर आप साफ करवाकर नया फ्यूल फिल करवा लें.

 

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