Car Types: इस समय कारों को नवीनतम डिजाइन अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके बनाया जा रहा है, और इसमें टेक्नोलॉजी का भी भरपूर इस्तेमाल किया जाता है. कारों की कई कैटेगरी होती है. जिसमें सामान्य कारों से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन, स्पोर्ट्स कार और अन्य कई शामिल हैं. अक्सर लोग स्पोर्ट्स कारों, सुपरकार्स और हाइपर कारों के बीच का अंतर नहीं समझ पाते हैं. इसलिए आज हम आपको इनके बीच का अंतर समझाते हैं.
स्पोर्ट कार
स्पोर्ट्स कार का अर्थ है जो सामान्य कारों से अधिक तेज और ज्यादा परफॉर्मेंस देने वाली हो. ऐसी कारें उन्हीं लोगों को पसंद आती हैं जो अपनी कार से हाई परफॉर्मेस की उम्मीद रखते हैं. यह ड्राइविंग और हैंडलिंग में भी काफी आसान होता है. यह ड्राइविंग अनुभव को एंड-यूजर के लिए अधिक संतुष्टिदायक बनाती है.
सुपरकार्स
सुपरकार एक हाई परफॉर्मेंस वाली लग्जरी स्पोर्ट्स कार को कहते हैं. इसका मतलब है कि उनके डिजाइन में प्रीमियम कार के पुर्जे शामिल होते हैं, और उसमें अधिक पॉवर और अधिक एडवांस तकनीक मिलती है. स्पोर्ट्स कारों की तुलना में, सुपरकार्स अधिक महंगी होती हैं. अधिक पॉवरफुल और ज्यादा कीमत होने के कारण इसका बीमा भी काफ़ी महंगा होता है. यह स्पोर्ट्स कारों की तुलना में सड़कों पर बहुत कम दिखती हैं.
हाइपरकार्स
यह सुपरकार से एक कदम और अधिक है. हाइपरकार में मिलने वाले उच्चतम प्रदर्शन के साथ हाई लेवल के फीचर्स इसे एक सुपरकार से ऊपर रखते हैं. ये कारें लेटेस्ट अत्याधुनिक तकनीक से बनाई जाती हैं. लेम्बोर्गिनी, फेरारी और मैकलेरन हाइपरकार बनाने वाले कुछ प्रसिद्ध ब्रांड हैं. अपनी अधिक स्पीड के कारण ये डेली इस्तेमाल के लिए बिलकुल भी सही नहीं होते हैं. हाइपरकार को सुपरकार से भी अधिक रेअर माना जाता है और इसकी कीमत बहुत ही अधिक होती है. इन कारों का बीमा भी बहुत अधिक महंगा होता है साथ ही इनका मेंटेनेंस खर्च भी काफी अधिक होता है.
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