Car Safety Things: बच्चों के साथ गाड़ी चलाते वक्त किन बातों का रखें ध्यान? यहां जानें
Car Drive with Child Safety Measures: बच्चों के साथ में गाड़ी चलाना आसान नहीं रहता. कार चलाने के साथ ही बच्चे का ख्याल रखने की भी आवश्यकता होती है. बच्चों के साथ में किस तरह गाड़ी चलाएं, यहां जानिए.
Car Drive with Child: गाड़ी चलाते वक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है. वहीं तब और भी ज्यादा चौंकन्ना होना पड़ता है, जब आप बच्चे को लेकर कार ड्राइव कर रहे हों. इसके लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करना भी जरूरी हो जाता है. ट्रैफिक नियम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं. वहीं इन्हें केवल चालान कटने की दृष्टि से ही नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भी फॉलो करना चाहिए.
बच्चों के साथ कार चलाते वक्त कई तरह की परेशानियां सामने आती हैं. बच्चे गाड़ी के किसी बटन से छेड़छाड़ न करें, गाड़ी में इधर-उधर न भागें, इन सभी बातों का ध्यान गाड़ी चलाने के साथ ही बच्चों पर देना होता है. साथ ही कार ड्राइव करते वक्त ड्राइविंग सीट पर बैठे व्यक्ति का ध्यान भी सड़क से नहीं भटकना चाहिए. ध्यान भटकने की स्थिति में सड़क दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है.
गाड़ी की फ्रंट सीट पर सबसे ज्यादा खतरा
गाड़ी की अगर किसी जगह कोई टक्कर हो जाती है, तो कार में बैठे फ्रंट सीट पर बैठे व्यक्ति को ज्यादा खतरा रहता है, चाहे वह कोई बड़ा हो या बच्चा. लेकिन, ऐसी स्थिति में बच्चों को ज्यादा परेशानी हो सकती है. अगर गाड़ी चलाते वक्त बच्चे को सीट बैल्ट नहीं बांधी गई है या बच्चे को सही से गाड़ी की सीट पर फिट नहीं किया गया है, तो गाड़ी की टक्कर होने से बच्चे को झटका लग सकता है और गंभीर चोट भी आ सकती है. इसके लिए बच्चों को फ्रंट सीट पर बैठाने से बचना चाहिए.
बच्चों के साथ ड्राइविंग में रखें इन बातों का ध्यान
- बच्चों को गाड़ी की फ्रंट सीट पर बैठाने से बचें. खासकर ड्राइवर को बच्चे को गोदी में लेकर तो गाड़ी नहीं चलानी चाहिए, क्योंकि किसी भी दुर्घटना के होने के स्थिति में बच्चे को गंभीर चोट लग सकती है.
- बच्चों के लिए गाड़ी में स्पेशल सीट के अरेंजमेंट की भी व्यवस्था होती है. गाड़ी के हर मॉडल में एक वेट लिमिट के साथ सीट आती है. इस सीट को इंस्टॉल कराने के साथ ही उसमें थ्री-प्वाइंट सेफ्टी बैल्ट लगवाने का भी ध्यान रखें.
- अगर आपका बच्चा 135 सेंटीमीटर की लंबाई से ज्यादा है, तो वह रेगुलर सीट बैल्ट का इस्तेमाल कर सकता है. अगर बच्चा छोटा है, तो उसके लिए सीट-बैल्ट को अलग से इंस्टॉल कराने की जरूरत होगी.
- गाड़ी चलाते वक्त समय-समय पर गाड़ी में ये जरूर चेक करते रहें कि बच्चा ठीक ढंग से सीट पर बैठा है या नहीं, क्योंकि बच्चे सीट-बैल्ट के लगने के बाद उसमें से निकलने की पूरी कोशिश करते हैं, इसलिए उनकी निगरानी करना जरूरी होता है.
- गाड़ी चलाते वक्त बच्चे को कार में खड़ा न होने दें, क्योंकि कार ड्राइव करते वक्त कभी-भी गाड़ी में ब्रेक लगाने पड़ सकते हैं, जिससे बच्चे को अचनाक ही झटका लग सकता है.
- बच्चे को गाड़ी में बिल्कुल भी अकेला न छोड़ें. चाहे कोई भी परिस्थिति हो, गाड़ी से बाहर निकलते वक्त बच्चे को अपने साथ लेकर जरूर जाएं.
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