ABS and EBD: इस समय वाहनों में सुरक्षा सिस्टम में लगातार सुधार किया जा रहा है. क्योंकि देश में बहुत सारे लोगों की प्रतिदिन एक्सीडेंट में मौत हो जाती है. इस लिए गाड़ियों में नए नए सेफ्टी फीचर्स दिए जाने लगे हैं. इनमें सीटबेल्ट, एयरबैग्स, एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (EBD) प्रमुख हैं. एंटी-लॉक ब्रेक सिस्टम गाड़ी के पहियों को तेज स्पीड में नियंत्रित करने का काम करता है. जैसे कभी तेज गति में चले हुए अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ जाए तो यह पहियों की पर मजबूत पकड़ बनाते हुए वाहन को रोड पर फिसलने नहीं देता है और वाहन को अनियंत्रित होने से बचाता है.  


क्या होता है एबीएस?


ABS का मुख्य काम गाड़ी फिसलन को सड़क पर रोकना होता है. यह एक रेगुलर ब्रेक से बिल्कुल अलग तरीके से काम करता है. अगर आप सड़क पर चलते हुए अपने वाहन में रेड लाइट, स्टॉप साइन और आगे के वाहनों की स्पीड को देखते हुए ब्रेक का इस्तेमाल करते हैं तो यह सिस्टम एक्टिव नहीं होता है. जब भी आप इमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल करते हैं तो यह ABS सिस्टम एक्टिवेट हो जाता है.  


क्या होता है EBD?


EBD का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन है. यह एक ऐसी ब्रेकिंग प्रणाली है जो गाड़ी के स्पीड और सड़क की स्थिति को भांपते हुए सभी पहियों पर अलग अलग ब्रेकिंग फोर्स का इस्तेमाल करता है. क्योंकि जब किसी गाड़ी में अचानक से ब्रेक लगाया जाता है तो तो अगले पहियों पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है, जिससे गाड़ी आगे की ओर दबती है. वहीं जब गाड़ी को मोड़ा जाता है तो पैसेंजर का वजन एक ओर अधिक पड़ता है, जिससे गाड़ी के फिसलने की संभावना बहुत बढ़ जाती है. इस स्थिती में किसी भी हादसे को रोकने के लिए यह सिस्टम अलग अलग पहियों पर अलग अलग फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन देता है, जिससे वाहन नियंत्रित रहता है.


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