Car Overloading Disadvantage: कई बार लोग कार को कार न समझकर उसे हाहाकार बना देते हैं. जिससे उनकी कार बेकार हो जाती है. यानि लोग कार में क्षमता से ज्यादा लोडिंग कर लेते हैं. जिसमें कभी सामान होता है, तो कभी इंसान. इसकी वजह से चलान कटने की संभावना तो रहती ही है, कार को भी बड़ा नुकसान हो सकता है.


इंजन पर दबाव


जब भी कोई लोडिंग कैपेसिटी से ज्यादा वजन अपने वाहन में लोड कर लेता है या सवारी बिठा लेता है, तो इसका पहला और सीधा असर कार के इंजन पर पड़ता है. और इंजन धीरे-धीरे अपनी पूरी क्षमता से काम करना कम कर देता है. जिसको सही करवाने में आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ती है.


माइलेज में कमी


जब किसी भी व्हीकल में कैपेसिटी से ज्यादा सामान लोड किया जाता है या ज्यादा सवारी को बिठाया जाता है, तो इंजन पर दबाव पड़ने से माइलेज भी कम मिलने लगता है. जिससे जेब का खर्च बढ़ जाता है. साथ ही ओवर लोडिंग पर दुर्घटना के चांस भी बढ़ जाते हैं.


सस्पेंशन और टायर खराब


जब कार पर बार-बार ओवर लोडिंग की जाती है, तो सस्पेंशन और टायर भी समय से पहले ख़राब होने लगते हैं. कंपनियां अपने वाहन में सस्पेंशन, सीमित लोड कैपेसिटी के हिसाब से लगाती हैं. लेकिन जब क्षमता से ज्यादा वजन लोड कर लिया जाता है, तो इसका नुकसान भी उठाना पड़ जाता है.


एक्सीलरेशन और ब्रेकिंग सिस्टम


जब कार में कैपेसिटी से ज्यादा सामान भर लिया जाता है, तो इसका असर कार के एक्सीलरेशन और ब्रेकिंग सिस्टम पर भी पड़ता है और कार का बैलेंस भी खराब होने लगता है. जिसकी वजह से किसी भी तरह की दुर्घटना के चांस बढ़ जाते हैं.


गाड़ी में नुकसान


जब आप गाड़ी में ओवर लोडिंग करते हैं, तो कभी सवारी होती है और कभी-कभी सामान की ढुलाई भी होती रहती है. जिसकी वजह से सामान रखते और निकालते वक्त कार में डेंट पेंट हो जाते हैं. जिससे कार दिखने में भी बेकार लगने लगती है.


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