Automated Self-Parking System: ऑटोमोबाइल उद्योग में हर दिन एक से बढ़कर एक तकनीकों का लगातार विकास हो रहा है और इनमें कुछ टेक्नोलॉजी ऐसी हैं जिनके बारे सोचना भी मुश्किल है. इन्हीं में से एक नई तकनीक है फुली ऑटोमेटेड सेल्फ पार्किग सिस्टम यानि कार को अपने आप ही पार्क कर देने वाला सिस्टम. अभी तक टेस्ला की ड्राइवरलेस गाड़ियों को सबसे उन्नत माना जाता है, लेकिन अब उससे भी एक कदम आगे ड्राइवरलेस कार पार्किंग तकनीक आ गई है. टेस्ला की ऑटो पायलट कार को भी ड्राइवर की जरूरत होती है, लेकिन यह नई तकनीक बिना ड्राइवर के ही गाड़ी को उचित स्थान पर पार्क कर देगी. इस सेल्फ-पार्किंग सिस्टम के लिए Bosch और मर्सिडीज-बेंज ग्रुप को मंजूरी मिल चुकी है. इस तकनीक का प्रयोग अभी मर्सिडीज-बेंज के जर्मनी स्थित म्यूजियम पार्किंग गैराज में किया जाएगा. यह सिस्टम बिना ड्राइवर के एक स्मार्टफोन ऐप के जरिए काम करता है.
Bosch ने क्या कहा?
Bosch ने इस बारे में कहा है कि इस तकनीक पर वह मर्सिडीज के साथ 2015 से काम कर रही है और सुरक्षा कर्मियों की सहायता से इस सुविधा को 2018 से ही प्रयोग किया जा रहा है. इसके लिए गाड़ी में जरूरी फीचर्स के तौर पर स्टार्ट/स्टॉप फ़ंक्शन, इलेक्ट्रिक पार्किंग ब्रेक, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, स्टीयरिंग असिस्टेंट होना अनिवार्य है.
क्या है इसकी खासियत?
कंपनी के अनुसार यह फीचर इंटेलिजेंट पार्किंग गैराज इन्फ्रास्ट्रक्चर का प्रयोग करके गाड़ी को खाली जगह पर पार्क कर देता है. इससे कम समय लगने के साथ ही अधिक सुरक्षित तरीके से कम जगह में भी काम किया जा सकता है. साथ ही इसमें कार की सफाई और चार्जिंग से जुड़े फीचर भी जोड़े जा सकते हैं.
कैसे काम करती है ये तकनीक?
इस फीचर का प्रयोग करने के लिए ड्राइवर को एक निश्चित जगह पर कार खड़ी करके इससे बाहर निकल जाना होता है. उसके बाद पार्किंग गेराज में लगा सिस्टम का नियंत्रण गाड़ी पर हो जाता है और इस नई टेक्नोलॉजी की मदद से कार खाली जगह पर स्वत: ही पार्क हो जाती है. यह पार्किंग गाड़ी के आकार के अनुसार होती है.
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