Car Price: जल्दी खरीद लें कार, बढ़ने वाले हैं दाम! 25 हजार रुपये तक का हो सकता है इजाफा
Car Price Hike: कारों के दाम में इजाफा होने वाला है. भारत की एनर्जी एफिशियंसी और कंसर्वेशन एजेंसी ने अगले तीन साल में कार्बन एमिशन में एक-तिहाई की कटौती करने के लिए कहा है.
Car Price Hike Soon: अगर आप नई कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो जल्दी ही खरीद लीजिए, क्योंकि कारों के दामों में बहुत जल्द बढ़त देखने को मिलने वाली है. हर साल के साथ कारों की कीमतों में तेजी देखने को मिलती है और इन बढ़ती कीमतों के पीछे की कई वजह होती हैं. कारों की कीमत में इजाफे की सबसे बड़ी वजह में से एक एमिशन नॉर्म्स हैं.
ऑटोमेकर्स को करना होगा ये काम
भारत की एनर्जी एफिशियंसी और कंसर्वेशन एजेंसी की ये डिमांड है कि कार निर्माता कंपनियों को अगले तीन साल में कार्बन एमिशन में एक-तिहाई की कटौती करनी होगी या फिर ये कंपनियां पैनल्टी के लिए तैयार हो जाएं और ये पैनल्टी ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशियंसी की तरफ से कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशियंसी नॉर्म्स के तहत लगाई जाएगी.
पर्यावरण के लिए फायदेमंद
भारत की एनर्जी एफिशियंसी और कंसर्वेशन एजेंसी ने अप्रैल 2020 में भारत स्टेज 6 को लागू किया था. इसके बाद भारत स्टेज 6 RDE को अप्रैल 2023 प्रभाव में लाया गया. भारत स्टेज 6 और भारत स्टेज 6 RDE मुख्य रूप से कारों के रियल टाइम एमिशन की जांच करती हैं.
अब इसमें CAFE 3 और CAFE 4 एमिशन नॉर्म्स को लाया गया है. CAFE 3 नॉर्म्स को अप्रैल 2027 से लागू किया जाएगा. इसके लिए ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशियंसी ने इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स से जुलाई के पहले हफ्ते तक ही अपने कमेंट जमा करने के लिए कहा है, जिसके बाद फाइनल गाइडलाइन्स का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.
कीमतों में होगी भारी बढ़त
एक इंडस्ट्री एक्जिक्यूटिव ने इकॉनोमिक टाइम्स से बात करते हुए बताया है कि हमारे आगे चैलेंज ये नहीं है कि CAFE 3 और CAFE 4 नॉर्म्स के व्हीकल बना पाएंगे या नहीं, लेकिन बात ये है कि वो वाहन अफोर्डेबल नहीं होंगे. इससे कंपनी के CAFE स्कोर पर भी फर्क पड़ेगा.
अगर इस नए नॉर्म्स से कार की फ्यूल एफिशियंसी 0.2 लीटर पर प्रति 100 किलोमीटर बढ़ती है, तो इससे हर वाहन पर 25 हजार रुपये की पैनल्टी लगेगी. वहीं अगर फ्यूल एफिशियंसी इससे ज्यादा बेहतर होती है, तो ये पैनल्टी 50 हजार रुपये तक भी जा सकती है. ये CAFE नॉर्म्स सभी कार निर्माता कंपनियों के लिए हैं.
एक सीनियर इंडस्ट्री एक्जिक्यूटिव ने कहा कि अगर सरकार CAFE 4 ट्रांजिशन की समय सीमा को अगले पांच सालों के लिए बढ़ा देती है, तो टारगेट प्राप्त करना मुश्किल हो जाएगा. कार निर्माता कंपनियों को केवल कार्बन एमिशन को अगले तीन सालों में ही कम नहीं करना है, बल्कि ये चीजें प्रति WLTP पर भी देखी जाएंगी.
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