Bharat NCAP Test Results: भारत सरकार के भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (बीएनसीएपी) ने क्रैश टेस्ट का पहला दौर पूरा कर लिया गया है, जिसके परिणाम अगले सप्ताह या इस महीने के अंत तक आने की उम्मीद है. इससे ग्राहकों को ज्यादा बेहतर खरीदारी के निर्णय को लेने में मदद मिलेगी. भारत एनसीएपी टेस्टिंग 15 अक्टूबर को शुरू होने वाली थी, लेकिन छुट्टियों के मौसम के कारण इसे 15 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया था. हालांकि परीक्षण एजेंसियों ने पहले ही अपना असेसमेंट पेश कर दिया है, 1 से 5 तक स्टार रेटिंग प्रदान करने की औपचारिक प्रक्रिया की घोषणा केंद्रीय सड़क परिवहन संस्थान (सीआईआरटी) पुणे करेगा, जो कार इवैल्यूएशन स्कीम के लिए प्रोग्राम मैनेजर है.
भारत एनसीएपी परिणाम
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अलावा सचिव महमूद अहमद ने मीडिया को बताया कि “सरकार का बीएनसीएपी कार्यक्रम पटरी पर है. हम जल्द से जल्द परिणाम शेयर करने की उम्मीद कर रहे हैं, जो इस सप्ताह या वर्ष के अंत से पहले जारी हो सकता है.''
मेगा इवेंट में हो सकती है परिणामों की घोषणा
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी एक मेगा इवेंट आयोजित करने पर विचार कर रहे हैं, जिसमें सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और भारत एनसीएपी के अधिकारियों के रेटिंग की घोषणा करने की संभावना है. हालांकि, इस योजना पर अभी बहस चल रही है, जो बताती है कि बीएनसीएपी वेबसाइट पर रेटिंग की घोषणा अभी तक क्यों नहीं की गई है.
इन कम्पनियों की कारों की हुई टेस्टिंग
जिन प्रमुख वाहन निर्माताओं ने क्रैश टेस्ट के पहले दौर के लिए अपने मॉडल पेश किए हैं उनमें हुंडई, किआ, मारुति सुजुकी, महिंद्रा, टोयोटा और अन्य कंपनियों की कारें शामिल हैं. भारत एनसीएपी एक वालंट्री प्रोग्राम है जो हर कार के बेस वेरिएंट को टेस्ट करता है.
भारत एनसीएपी टेस्टिंग प्रोसेस
टेस्टिंग प्रक्रिया के दौरान भारत एनसीएपी 3,500 किलोग्राम वजन वाली गाड़ियों पर एडल्ट ऑक्यूपियर प्रोटेक्शन (एओपी) और चाइल्ड ऑक्यूपियर प्रोटेक्शन (सीओपी) टेस्टिंग करता है, और उन्हें 0 और 5 के बीच सेफ्टी रेटिंग देता है. हालांकि, जहां ग्लोबल NCAP AOP और COP के लिए एक अलग रेटिंग देता है, वहीं भारत NCAP एक इंटीग्रेटेड रेटिंग देगा. गाड़ियों को ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) और इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) के जरिए अधिकृत डीलरशिप से रैंडमली चुना जाता है.
कैसे होगी टेस्टिंग
भारत एनसीएपी की क्रैश टेस्ट रेटिंग टाइप अप्रूवल वाले वाहनों पर लागू होगी, जिसमें ड्राइवर सहित आठ लोगों तक बैठने की क्षमता वाले मॉडल शामिल होंगे. सरकारी अधिकारियों ने कहा कि इस टेस्टिंग सिस्टम में सीएनजी, इलेक्ट्रिक और आईसीई वाहनों का मूल्यांकन और रेटिंग शामिल है. गाइडलाइंस के अनुसार, टेस्टिंग एजेंसियां 64 किमी प्रति घंटे की स्पीड पर फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट, 50 किमी प्रति घंटे पर साइड इम्पैक्ट टेस्ट और 29 किमी प्रति घंटे पर पोल साइड-इम्पैक्ट टेस्ट करेंगी.
विदेशों से कम होती है टेस्टिंग की लागत
भारत NCAP कार्यक्रम के लॉन्च के दौरान, गडकरी ने कहा था कि 30 से ज्यादा मॉडलों को परीक्षण के लिए पहले ही नॉमिनेट किया जा चुका है, और एक बीएनसीएपी टेस्टिंग की लागत 60 लाख रुपये होगी, जबकि विदेश में एक टेस्टिंग की लागत लगभग 2.50 करोड़ रुपये होती है.
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