Motor Driving Rules: हमारे देश में किसी भी मोटर वाहन को चलाने के लिए चालक को न्यूनतम 18 वर्ष का होना अनिवार्य है. इससे कम उम्र का व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर कोई वाहन नहीं चला सकता. मोटर वाहन चलाने का यह नियम वैसे तो बहुत पुराना है, लेकिन सरकार के सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के मद्देनजर किए जा रहे प्रयासों से अब ट्रेफिक पुलिस इन नियमों के प्रति सख्ती बरत रही है. हालांकि फिर भी इस नियम को तोड़ते हुए तमाम नाबालिक किशोर हर रोज सड़कों पर देखे जा सकते हैं. तो चलिए जानते हैं मोटर वाहन एक्ट में क्या है इससे जुड़ा नियम और इसके किए क्या सजा का है प्रावधान.
क्या है नियम
मोटर व्हीकल एक्ट में वर्णित नियम के अनुसार अगर कोई 18 वर्ष से कम उम्र का किशोर को बिना किसी लर्निंग लाइसेंस के कोई भी वाहन चलाते हुए ट्रैफिक पुलिस पकड़ती है तो उसके माता पिता मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 199A के अनुसार 25,000 के जुर्माने सहित 3 साल तक की सजा भी झेलनी पड़ सकती हैं.
कड़े हो रहे हैं नियम
ऐसे मामलों से सख्ती से निपटने के लिए एनआइसी ने एक आभासी न्यायालय (Virtual Court) बनाने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिसके गठन के बाद वाहनों के चालान कटने से 15 दिनों के अंदर ही वाहन मालिक को चालान की राशि का भुगतान करना पड़ेगा. जिसकी अनदेखी करने पर जिला एवं सत्र न्यायालय कड़ी कार्यवाही करते हुए वसूली की कार्यवाही करेगा.
अभिवावकों को लेनी होगी जिम्मेदारी
सभी ट्रैफिक नियम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही बनाए जाते हैं और कोई भी माता पिता यह नहीं चाहेंगे कि उनका बच्चा किसी दुर्घटना का शिकार हो. इसलिए नियमों में भले ढिलाई हो मगर माता पिता को इस बारे सख्त होकर उनकी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए. क्योंकि ऐसे में यदि कोई बच्चा वाहन चलाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके लिए मिलने वाली सजा को भी अभिभावकों को ही भुगतना पड़ेगा.
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