CNG Cars Sales Falling: देश के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने घरेलू आपूर्ति को प्रोत्साहित करने के लिए गैस कंपनियों द्वारा सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. गौरतलब है कि पिछले 1 वर्ष में गैस की कीमतों में 50-60 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जिसके कारण सीएनजी कारों की बिक्री और बुकिंग 10-15% तक कम हो गई है. जिसे देखते सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सरकार से इस मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया है.


कम हो रही है सीएनजी कारों की बिक्री


ETIG की रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2022 में सीएनजी वाहनों की बिक्री अपने उच्चतम 29,535 यूनिट्स मासिक से कम होकर जुलाई में 25,480 यूनिट हो गई है. इसके आंकड़ों से समझ में आता है कि सीएनजी वाहनों की बिक्री में इस वर्ष अप्रैल माह से लगातार कमी दर्ज की जा रही है. 


क्या है सीएनजी के दामों में वृद्धि का कारण?


इस साल जून में सरकार ने शहरी गैस वितरण कंपनियों के लिए घरेलू गैस के आवंटन की मात्रा में वृद्धि कर दी थी, जिससे सीएनजी की कीमतों में हो रही वृद्धि को रोका जा सकता है. पिछली तिमाही में घरेलू गैस का आवंटन 85% के मुकाबले बढ़कर अब 94% हो चुका है, जिससे सीजीडी कंपनियों की गैस की मात्रा 17.5 MMSCMD से बढ़कर 20.8 MMSCMD हो जाएगी. इसका यह अर्थ है कि सीजीडी कंपनियों के लिए मिश्रित गैस की लागत 2 डॉलर/एमएमबीटीयू से कम होकर करीब 8 डॉलर/एमएमबीटीयू हो जाएगी. जिसे इस प्रकार से समझा जा सकता है कि, यदि गैस की कीमतों में $1/mmbtu की कमी होती है तो पंप पर मिलने वाले खुदरा गैस के दामों में 5-6 रुपए/किलोग्राम की कमी हो जाएगी.


कितने बढ़ गए हैं सीएनजी के दाम?


इसी माह की शुरुआत में मेट्रो शहरों के लिए सीएनजी के दाम बढ़कर 75-86 रुपए/किलोग्राम तक पहुंच गए हैं, जो कि पिछ्ले वर्ष इसी समय 50 रुपए/किलोग्राम से नीचे था. बीते दो माह में महानगर गैस सीएनजी कीमतों में 10 रुपए/kg से अधिक की वृद्धि का चूक है, जबकि आईजीएल और गुजरात गैस जैसी कंपनियों ने कोई वृद्धि नहीं की है. एमजीएल ने सरकार द्वारा घरेलू गैस आवंटन में वृद्धि के बाद सीएनजी के दामों में 6 रुपए/ kg की कमी की है. 


क्या है सीएनजी कारों की बिक्री में गिरावट का कारण?


वाहन उद्योग के सूत्रों के मुताबिक पेट्रोल डीजल गाडियों की खरीद पर छूट और सीएनजी कारों के 80,000-90,000 रूपए तक महंगे होने के कारण इन कारों की मांग में कमी आई है. आंकड़ों के अनुसार जुलाई 2022 में सीएनजी वाहनों की बिक्री का इंडस्ट्री के कुल वाहनों की बिक्री का 12% थी. 


यहां होती है सबसे ज्यादा बिक्री


देश में बिक रहे CNG यात्री वाहनों का करीब 85% महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में बिक्री होती है. सीएनजी क्षेत्र में मारुति सुजुकी सबसे बड़ा ब्रांड है, जिसका 70% से अधिक बाजार पर कब्जा है. 


मारूति ने क्या कहा?


गैस की कीमतों में वृद्धि का सीएनजी कारों की बिक्री पर पड़ने वाली प्रभाव पर, मारूति सुजुकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि वाहनों को चलाने में लगने वाला खर्च, ग्राहकों के लिए खरीद का निर्णय लेने में महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है. उन्होंने बताया कि यदि सीएनजी की कीमतों में पेट्रोल डीजल के मुकाबले तेजी आती है तो सीएनजी कारों की मांग पर मांग प्रतिकूल प्रभाव पड़ना तय है. लेकिन किस मॉडल पर कितना प्रभाव पड़ेगा यह कहा नहीं जा सकता है, क्योंकी नए मॉडल्स की भी लांचिंग की जा रही है. सीएनजी कारों ने डीजल कार मॉडल्स का स्थान ले लिया है जो कि चलने में कम लागत के साथ ही पर्यावरण के लिहाज से भी सुरक्षित विकल्प है. 


सूत्रों के मुताबिक सीएनजी कारों के पार्ट्स की कमी, सीएनजी की बढ़ती कीमतें और नए मॉडल्स की लांचिंग में विलंब की वजह से मारुति सुजुकी इस सेगमेंट में अपने 600,000 यूनिट्स की बिक्री का लक्ष्य पूरा करने में असमर्थ हो सकती है.


कब तक बढ़ेंगी सीएनजी की कीमतें?


महानगर गैस के मुख्य वित्तीय अधिकारी राजेश पटेल ने बताया है कि भले ही सीएनजी और पेट्रोल डीजल की कीमतों में फर्क कम हुआ है लेकिन सीएनजी कारों का माईलेज अभी भी पारंपरिक इंधन से चलने वाली गाड़ियों से ज्यादा है. उन्होंने बताया ऐसा पहली बार हुआ है जब सीएनजी और पेट्रोल डीजल की कीमतों में इतना कम फर्क देखने को मिला है, और उम्मीद यह है कि अभी यह अधिक वक्त तक देखा जाएगा.


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