Petrol से ज्यादा माइलेज क्यों देती हैं Diesel कारें? जानें क्या है कारण
Diesel Vs Petrol Car Mileage: ग्राहक गाड़ी खरीदते समय ये जरूर चेक करता हैं कि कौन सी कार ज्यादा माइलेज देगी. लेकिन, पेट्रोल की तुलना में डीजल कारें ही क्यों ज्यादा माइलेज देती हैं?
Why Diesel Cars Have More Mileage Capacity Than Petrol: आखिर माइलेज देने वाली गाड़ी किसे पसंद नहीं होती है? पेट्रोल और डीजल कार में हम अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं कि कौन सी कार खरीदनी चाहिए? लेकिन, क्या आपको पता है कि पेट्रोल कार के मुकाबले डीजल कारें ज्यादा माइलेज देती हैं? जी हां! डीजल कार पेट्रोल की तुलना में ज्यादा माइलेज देती हैं जबकि डीजल की तुलना में पेट्रोल ज्यादा महंगा है. आखिर इसके पीछे क्या गणित होता है? चलिए इसे समझते हैं.
पेट्रोल और डीजल के ऊर्जा की गणित
एक फ्यूल के रूप में डीजल में ज्यादा पावर होती है. इसके पीछे का गणित ये है कि डीजल में प्रति लीटर 38.6 Mega Joules उर्जा होती है. वहीं, एक लीटर पेट्रोल में केवल 34.8 Mega Joules ऊर्जा मिलती है. अब आप सोच रहे होंगे कि ये Mega Joules क्या है? तो बता दें कि Mega Joules ऊर्जा की एक यूनिट है.
कैसे काम करता है डीजल इंजन?
डीजल, पेट्रोल से कम ज्वलनशील होता है, जिसके कारण यह इंजन में ज्यादा देर तक चलता है. डीजल इंजन के सिलेंडर में हाई रेशियो में एयर कंप्रेश होता है. ये रेशियो करीब 18:1 या 21:1 का होता है. एयर को कंप्रेश किए जाने से हीट पैदा होती है. इस तरह से जब सिलेंडर के अंदर का तापमान 210 degree सेंटीग्रेट से ऊपर हो जाता है, तो सिलेंडर में बहुत ही कम मात्रा में डीजल स्प्रे होता है, जिसके बाद इंजन में इग्निशन पैदा होता है.
पेट्रोल की तुलना में डीजल की कम खपत होती है, क्योंकि डीजल इंजन में सिलेंडर में इंधन को स्प्रे किया जाता है. डीजल की बर्निंग टाइम कैपसिटी बेहतर होती है. यह पेट्रोल की तुलना में लंबे समय तक बर्न होता रहता है. इसके चलते डीजल इंजन उच्च RPM रेंज तक नहीं पहुंच पाता है लेकिन माइलेज ज्यादा देते हैं.
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