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Defence Vehicles: इन खतरनाक वाहनों से देश की सुरक्षा करती है भारतीय सेना, ज्यादातर कारों पर देशी कंपनियों का ठप्पा

इस साल जुलाई में, भारतीय सेना में नए लड़ाकू वाहनों का मेड-इन-इंडिया क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल बैज को भी शामिल किया गया है, जो कठिन इलाकों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बेहतर गति के साथ काम करता है. 

Vehicles Using by Indian Armed Forces: आज देश की सेनाओं द्वारा महिंद्रा और टाटा मोटर्स के वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है. हालांकि इनके सेना में शामिल होने के पहले जोंगा नाम के भारत निर्मित वाहनों का इस्तेमाल किया जाता था. जिसे साल 1969 से जबलपुर में निर्मित किया जा रहा था. जोंगा के प्रोडक्शन को साल 1999 में बंद कर दिया गया था, तब से करीब इसके 20,000 वाहन वर्ष 2013 तक भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रहे थे. इतने लंबे समय में भारत ने अपना स्वदेशी जेट लड़ाकू और युद्धक टैंक भी विकसित कर लिया है.

जानें कौन से हैं वो Personnel Carriers और क्या होता है उनका उपयोग 

भारतीय सेना में सबसे पॉपुलर लोकप्रिय पर्सनेल कैरियर Maruti Gypsy है जिसे मारूति द्वारा गुरुग्राम संयंत्र में जिम्नी SJ40/410 के लॉन्ग व्हीलबेस वर्जन के आधार पर साल 1985 से उत्पादन किया जा रहा है. यह गाड़ी अभी भी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाती है. इस गाड़ी का उत्पादन साल 1999 में बंद कर दिया गया था और अब इसका स्थान महिंद्रा की MM540 ले रही है. 

अब मारुती टाटा जिप्सी के स्थान पर रक्षा वाहनों के रूप में टाटा मोटर्स की सूमो और सफारी स्टॉर्म के बख्तरबंद वर्जन की गाड़ियों को भी शामिल कर लिया गया है. जो जल्द ही पूरी तरह से जिप्सी का स्थान ले लेंगे. साथ ही इस बेड़े में महिंद्रा स्कॉर्पियो का बख्तरबंद वर्जन भी शामिल है.

इन वाहनों का सेना करती है इस्तेमाल

इनके अलावा भारतीय सेना द्वारा मित्सुबिशी पजेरो, फोर्स गोरखा, टाटा ज़ेनॉन और कई एटीवी (ऑल-टेरेन व्हीकल) का भी इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें पोलारिस स्पोर्ट्समैन 6x6, पोलारिस एमआरजेडआर, आर्कटिक कैट अल्टर्रा टीबीएक्स 700, एटीवी, पोलारिस रेंजर जैसे वाहन शामिल हैं. 

इन लड़ाकू विमानों का प्रयोग करती है भारतीय सेना 

इस साल जुलाई में, भारतीय सेना में नए लड़ाकू वाहनों का मेड-इन-इंडिया क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल (QRFV) बैज को भी शामिल किया गया है, जो कठिन इलाकों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बेहतर गति के साथ काम करता है. 

भारतीय रक्षा के क्षेत्र में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) इसी वर्ष अप्रैल में बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों को भारतीय सशस्त्र बलों के लिए उत्पादन करके इस तरह के वाहनों का निर्माण करने वाली भारत की पहली निजी क्षेत्र की वाहन निर्माता कंपनी बनी. इन वाहनों को TASL की पुणे स्थित प्लांट में DRDO और व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टैब्लिशमेंट (VRDE) के साथ मिलकर 8×8 व्हीलड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (WhAP) पर डिज़ाइन और निर्मित किया गया है.  

महिंद्रा भी देती है सेना को अपनी सेवाएं

भारतीय सेना में महिंद्रा के भी कई लड़ाकू वाहन शामिल हैं, जिनमें Mahindra MPV-I की भी गिनती की जाती है. यह गाड़ी एक 6x6 ड्राइवट्रेन पर आधारित ऑफ-रोड वाहन है. इसमें एक 227 एचपी की क्षमता वाला डीजल इंजन दिया जाता है. साथ ही इस गाड़ी को गन पोर्ट, रूफ हैच, प्रोटेक्टेड फ्यूल टैंक और बैलिस्टिक प्रोटेक्शन जैसे खूबियों के साथ डिजाइन किया गया है. कम्पनी के अन्य हल्के लड़ाकू वाहनों में Mahindra Marksman भी बहुत लोकप्रिय है. यह एक 6 सीटर हल्की बुलेटप्रूफ गाड़ी है. इस गाड़ी पर ग्रेनेड हमलों का भी कोई असर नहीं होता है. इसका इस्तेमाल अधिकतर कश्मीर के अशांत क्षेत्रों के साथ देश की राजनैतिक और आर्थिक राजधानी के उच्च सुरक्षा जोन्स में किया जाता है.  

इसके अलाव कई अन्य भारत निर्मित वाहन भारतीय सेना में शामिल हैं जिनमें ओएफबी आदित्य, महिंद्रा स्ट्रैटन प्लस, कैस्पिर और महिंद्रा रक्षक प्रमुख हैं.

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