आजकल की कारें एक से बढ़कर एक टेक्नोलॉजी के साथ आ रही हैं. कारों में ऐसे फीचर्स दिए जा रहे हैं, जिन्हें देखते ही ग्राहक उन्हें पसंद करने के लिए मजबूर हो जाते हैं. ग्राहकों को अट्रैक्ट करने वाला एक ऐसा ही फीचर सनरूफ है. सनरूफ वाली कारें ग्राहकों को जल्दी और आसानी से अट्रैक्ट करती हैं. ऐसे में काफी लोगों ने पैनोरमिक सनरूफ के बारे में सुना होगा. हालांकि, अगर आप इसके बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं तो आज हम आपको पैनोरमिक सनरूफ से जुड़ी जानकारी देने वाले हैं. इस लेख में आप जानेंगे कि पैनोरमिक सनरूफ कैसी होती है और यह नॉर्मल सनरूफ से कैसे अलग होती है.
नॉर्मल सनरूफ के मुकाबले पैनोरमिक सनरूफ ज्यादा बड़ी होती है. साइज में बड़ी होने के कारण पैनोरमिक सनरूफ से ज्यादा बेहतर व्यू मिलता है जबकि नॉर्मल सनरूफ में उतना अच्छा व्यू नहीं मिल पाता. इसके अलावा पैनोरमिक सनरूफ से कार में ज्यादा रोशनी आती है क्योंकि इसका ग्लास नॉर्मल सनरूफ वाले ग्लास से ज्यादा बड़ा होता है. नार्मल सनरूफ कार की छत के आगे वाले हिस्से में होती है जबकि पैनोरेमिक सनरूफ कार की छत के ज्यादातर हिस्से तक फैली होती है.
इसीलिए, पैनोरेमिक सनरूफ कार में ग्रीन हाउस की तरह काम करने लगती है. दरअसल, इसके बड़े ग्लास पैनल कार के केबिन में गर्मी को देर तक रोके रखते हैं. हालांकि, पैनोरेमिक सनरूप पर टिंट लगा होता है और सनशेड भी मिलता है. लेकिन, एक नॉर्मल सनरूफ के मुकाबले आम तौर पर पैनोरेमिक सनरूप की हीट प्रोटेक्शन ज्यादा अच्छी नहीं होती है.
टाटा हैरियर, टाटा सफारी, हंडई क्रेटा, एमजी हेक्टर और जीप कंपस जैसी कारों में पैनोरमिक सनरूफ आती है जबकि फोर्ड इकोस्पोर्ट, टाटा नेक्सन और एक्सयूवी 300 जैसी गाड़ियां में नॉर्मल सनरूफ मिलती है. पैनोरमिक सनरूफ वाली कारें नॉर्मल सनरूफ वाली कारों के मुकाबले ज्यादा महंगी होती हैं.
यह भी पढ़ें: BMW ने भारत में लॉन्च किया X4 सिल्वर शैडो एडिशन, 5.8 सेकंड में पकड़ लेती है 100 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड
यह भी पढ़ें: पुरानी कार खरीदते समय माइलेज को ध्यान में रखना क्यों है जरूरी? यहां जानें
Car loan Information:
Calculate Car Loan EMI