Car Drive Tips: बारिश के मौसम में गाड़ी चलाते समय इन तीन बातों का रखें ध्यान, लापरवाही पड़ सकती है भारी
Driving Tips: बारिश के मौसम में आपकी और गाड़ी की सुरक्षा की जिम्मेदारी काफी हद तक टायरों पर निर्भर करती है. यह ध्यान देना चाहिए कि उनके टायरों के डिजाइन में कोई कमी न हो.
Driving Tips For Monsoon Season: देश के लगभग सभी हिस्सों में मानसून दस्तक दे चुका है. यह मौसम लोगों के लिए गर्मी से राहत तो लेकर आया है, साथ ही कुछ लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बना है. इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी गाड़ी चलाने वाले लोगों को होती है, कुछ लोग तो इस मौसम में गाड़ी लेकर निकलना पसंद ही नहीं करते हैं. इसकी मुख्य वजह गीली सड़कें, ट्रैफिक और एक्सीडेंट जैसे खतरों का होना है. यदि आप भी मानसून के मौसम में ऐसी ही दिक्कतों का सामना करते हैं तो हम यहां लेकर आए हैं आपके लिए कुछ बेहतरीन टिप्स, जिनको अपनाकर बारिश के मौसम में आपकी परेशानी दूर हो सकती है और आप बगैर किसी टेंशन के मौसम का आनंद उठाते हुए गाड़ी चलाने का अनुभव ले सकते हैं.
बारिश के मौसम में सड़क और गाड़ियों के टायरों के बीच का घर्षण कम हो जाने से गाड़ी के टायरों का फिसलने का खतरा बना रहता है इस परेशानी से बचने के लिए जरूरत है कि जहां भी अधिक ट्रैफिक या जरूरत महसूस हो, वहां गाड़ी की रफ्तार को कम कर देना चाहिए. जब भी गाड़ी को किसी घुमावदार मोड़ से निकालना हो तब भी कार की गति को कम ही रखना चाहिए क्योंकि बारिश के मौसम में गाड़ी के टायर कॉर्नर के ट्रैक्शन कम होने लगता है जिससे गाड़ी के अनियंत्रित होने का खतरा बना रहता है. यदि आपको किसी ढलान वाले रास्ते पर गाड़ी लेकर जाना है तो ड्राइविंग के दौरान गाड़ी को निचले गियर में चलाना ही बेहतर विकल्प है इसके साथ ही गाड़ी के कंप्रेशन का इस्तेमाल भी करना चाहिए ताकि गाड़ी की गति में बार-बार परिवर्तन ना हो. इन टिप्स को आप खुली सड़कों में आजमा सकते हैं.
गाड़ी के फीचर्स का करे सही उपयोग
कई लोग गाड़ी के हिल ट्रैक्शन कंट्रोल, हिल डेस्केंट कंट्रोल, ऑटोमैटिक वाइपर्स जैसे सुरक्षा फीचर्स को बंद करके गाड़ी चलाना पसंद करते हैं. लेकिन गाड़ी में इन फीचर्स को आपकी बेहतर सुरक्षा के लिए ही दिया जाता है इसलिए इनका इस्तेमाल करना आपके आपके लिए सुरक्षा की गारंटी साबित हो सकता है.
टायर प्रेशर को रखें दुरुस्त
बारिश के मौसम में आपकी और आपके गाड़ी की सुरक्षा की जिम्मेदारी काफी हद तक टायरों पर निर्भर करती है. चालक को यह ध्यान देना चाहिए कि उनके टायरों के डिजाइन में कोई कमी न हो और सभी टायर एक दूसरे के साथ संतुलित हों. टायरों के साथ गाड़ी के सभी सस्पेंशन को नियमित रूप से जांच करते रहना चाहिए. टायर के मामले में यह भी ध्यान रखना चाहिए कि वे ओवर इनफ्लेटेड न हों, ऐसा होने की स्थिति में टायरों में खराब ट्रैक्शन मिलता है.
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