EV Buyers To Get 20% Incentive: भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए सरकार नई बैटरी स्पैपिंग पॉलिसी लाने का प्लान बना रही है. इसके तहत ग्राहकों को इंसेटिव दिया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि यह स्कीम आने वाले दो महीनों में लागू की जा सकती है. बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार लगातार ईवी को बढ़ावा देने के कोशिश कर रही है.


किस पर रहेगा सरकार का फोकस?
सरकार ने वित्त वर्ष 2022-2023 के बजट में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का ऐलान किया था. इससे ईवी ड्राइवर्स को अपने बैटरी ब्लॉक्स स्वैप स्टेशंस पर नए चार्ज बैटरी से चेंज करने की इजाजत मिलेगी. साथ ही व्हीकल्स को चार्ज करने में लगने वाला काफी समय बच जाएगा. इस पॉलिसी में लास्ट माइल डिलिवरी और राइड शेयरिंग जैसे सेक्टरों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटर्स, मोटरसाइकिल और ई-रिक्शा के लिए बैटरी स्वैप सर्विसेज पर फोकस करेगी.


अर्बन प्लानिंग के तहत लगाए जाएंगे ज्यादा चार्जिंग स्टेशन
सरकार का फोकस देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देना है. इससे डीजल और पेट्रोल पर निर्भरता खत्म होगी. इसके साथ ही प्रदूषण में भी कमी आएगी. बजट सत्र के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अर्बन प्लानिंग के तहत ज्यादा पब्लिक चार्जिंग स्टेशन शुरू करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन बड़ी सिटी में जगह की कमी है. ऐसे में बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी से समस्या का हल निकाला जाएगा.


कैसे मिलेगा 20 प्रतिशत तक का इंसेंटिव?
ऑटो इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि स्वैपिंग से कंपनियों को लीज या सब्सक्रिप्शन मॉडल के जरिए इस सेवा की पेशकश करने की अनुमति मिलेगी, जिससे ईवी खरीदने और उसे चलाने की लागत में कमी आएगी. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बैटरी सबसे महंगा पार्ट होता है. सरकार ईवी ओनर्स को कुल सब्सक्रिप्शन या बैटरी की लीज कॉस्ट पर 20 प्रतिशत तक का इंसेंटिव दे सकती है. यह ईवी पर मिलने वाली सब्सिडी के बाद का इंसेंटिव होगा.


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