Elon Musk's Tesla: बीते काफी समय से एलन मस्क की टेस्ला इलेक्ट्रिक कार कंपनी भारत में पैर जमाने की कोशिश में है. लेकिन, टेस्ला और भारत सरकार के बीच तालमेल नहीं बैठ पा रहा है. भारत सरकार चाहती है कि टेस्ला भारत में अपनी कारों का प्रोडक्शन करें और फिर भारतीय बाजार में बेचे जबकि टेस्ला चाहती है कि वह शुरुआत में बाहर से कार इंपोर्ट करें और उन्हें भारत में बेचे. लेकिन, अगर टेस्ला ऐसा करती है तो उसकी कारों की कीमत भारत में बहुत ज्यादा हो जाएगी क्योंकि भारत में उसकी कारों पर आयात शुल्क काफी ज्यादा लगेगा.
ऐसा लगता है कि टेस्ला भारत में लॉन्च के लिए अपनी कारों पर आयात शुल्क कम कराने की कोशिश में है क्योंकि उच्च आयात शुल्क का मतलब उच्च कीमतें होगी और बदले में बिक्री की उम्मीद कम होगी. ऐसा भी माना जा रहा है कि टेस्ला पहले मॉडल 3 और अन्य उत्पादों को आयात करके बेचना चाहती है और फिर भारत में निर्माण शुरू करना चाहती है. एलन मस्क ने पहले कहा था कि भारत में कारों के लिए आयात शुल्क सबसे अधिक हैं और चाहते हैं कि पहले यह कम हो, जिससे टेस्ला इंडिया लॉन्च योजनाएं शुरू की जाए.
लेकिन भारत सरकार टेस्ला को टैक्स ब्रेक देने के मूड में नहीं है. टेस्ला को टैक्स ब्रेक देने के संदर्भ में सेंटर डायरेक्ट टैक्स और कस्टम्स बोर्ड के प्रेसिडेंट विवेक जौहरी ने कहा, “हमने देखा कि क्या ड्यूटी में बदलाव करने की जरूरत है लेकिन कुछ घरेलू प्रोडक्शन हो रहा है और मौजूदा टैरिफ स्ट्रक्चर के साथ कुछ इंवेस्टमेंट आया है. इसीलिए यह स्पष्ट है कि यह (इंपोर्ट ड्यूटी) कोई बाधा नहीं है.”
उन्होंने कहा, "अन्य विदेशी ब्रांड भी हैं, जो मौजूदा टैरिफ ढांचे के साथ देश में बिक्री कर रहे हैं." विवेक जौहरी ने यह भी बताया कि टेस्ला ने अभी तक भारत में लोकल मैनुफैक्चरिंग और खरीद की स्कीम पेश नहीं की है.
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