Electric Cars: क्यों नहीं आती 5 से 10 लाख रुपये की रेंज में इलेक्ट्रिक कारें, जानें क्या है वजह
देश में सामान्य रूप में 12 से 25 लाख रुपये के प्राइस रेंज में बाजार इन वाहनों के लिए उपयुक्त है. इससे कम की रेंज और बैटरी परफॉर्मेंस ग्राहकों के लिए ठीक नहीं है.
Electric Cars Price: अभी देश में उपलब्ध सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार की कीमत भी 12 लाख रुपये से ज्यादा है और इसे देखकर काफी सारे लोग यह सोचते हैं कि क्या कभी देश में 5-10 लाख रुपये के प्राइस रेंज में कोई इलेक्ट्रिक कार आ पाएगी. तो तात्कालिक संभावनाओं को देखते हुए इसका उत्तर नहीं में ही होगा. यह जवाब इलेक्ट्रिक कारों के कांसेप्ट और इस्तेमाल होने वाली तकनीकों के आधार पर कहा जा सकता है. क्योंकि लगातार रेंज में वृद्धि करने की चुनौतियों के साथ लागत को कम कर पाना संभव नहीं है.
मारुति ने छोड़ा ईवी का प्लान
मारुति ने अपनी इलेक्ट्रिक वैगनआर को बाजार में लाने का प्लान छोड़ दिया है और अब इसको छोड़कर अधिक कीमत पर नई ईवी लाने की योजना तैयार कर चुकी है. वास्तव में देखें तो किफायती ईवी के अभी बाजार में आने की कोई भी उम्मीद नहीं है. एमजी की नई ईवी की कीमत लगभग 10 लाख रुपये हो सकती है. जबकि टियागो ईवी के लिए भी लगभग इतनी ही कीमत चुकानी पड़ सकती है.
कीमत कम हुई तो घटेगी बिक्री
इस प्राइस रेंज में, कारों को बनने में लगने वाले लागत को कम करने के लिए कंपनियों को कार की रेंज से समझौता करना पड़ेगा इससे इलेक्ट्रिक कारों की रेंज लगभग 150 किलोमीटर तक कम हो सकती है जिससे ग्राहक कम रेंज की चिंता में इसे नहीं खरीदेंगे. जबकि उपरोक्त रेंज की कारें देश में सिर्फ चार्जर्स के एक बड़े नेटवर्क को देखते हुए ही खरीदी जा सकती है, लेकिन अभी भारत में ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार होने में काफी समय लगेगा और फिर भी एक बड़े पैमाने पर चार्जिंग व्यवस्था संभव कर पाना आसान नहीं होगा.
इसलिए महंगी है इलेक्ट्रिक कारें
इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाले लिथियम-आयन बैटरी तकनीक की कीमत सबसे अधिक है. ईवी की बढ़ती वैश्विक बिक्री और डिमांड के कारण, लिथियम की कीमतें कम होने के आसार नहीं हैं. लागत में कटौती करने का एक ही तरीका है इनका प्रोडक्शन (लीथियम आयन बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन) स्थानीय तौर पर किया जाए. लेकिन इससे भी इनकी लागतों में कुछ खास फर्क नहीं पड़ेगा.
अभी लगेगा काफी वक्त
अभी फिलहाल देश में सामान्य रूप में 12 से 25 लाख रुपये के प्राइस रेंज में बाजार इन वाहनों के लिए उपयुक्त है. इससे कम की रेंज और बैटरी परफॉर्मेंस ग्राहकों के लिए ठीक नहीं है. इससे पता चलता है कि भारत में ग्राहक 10 लाख रुपये से कम कीमत की EV देखना तो चाहते हैं, मगर ये भविष्य में कितनी सस्ती हो पाएंगी ये नई तकनीकों पर निर्भर करता है. फिलहाल तो एक सही मायने में किफायती इलैक्ट्रिक कार के आने में समय है.
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