How To Convert Petrol-Diesel Car Into Electric Car: देश में पेट्रोल और डीजल के बढ़े हुए दामों ने लोगों को परेशान कर रखा है. ऐसे में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की डिमांड बढ़ने लगी है. लेकिन, पेट्रोल-डीजल वाहनों के मुकाबले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स महंगे होते हैं. तो अगर आपका उतना बजट नहीं है तो क्या करें? सबसे पहले तो आप चिंता न करें, दरअसल, बाजार में अब कई कंपनियां मौजूद हैं, जो आपकी पुरानी पेट्रोल-डीजल कार को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में बदलती हैं.
साधारण कार को इलेक्ट्रिक कार में बदलने में कितना खर्च आएगा?
साधारण कार को इलेक्ट्रिक कार में बदलवाने में 4 से 5 लाख रुपये का खर्च आता है. इसकी कीमत पूरी तरह से निर्भर करती है कि आप कितने वॉट पावर की मोटर और कितनी क्षमता की बैटरी लगवाते हैं. यह काम करने वाली ज्यादातर कंपनियां हैदराबाद में हैं. यह काम वहीं कंपनियां करती हैं, जो इलेक्ट्रिक कारों के पार्ट बनाती हैं.
इलेक्ट्रिक कार बनाने का प्रोसेस क्या है?
मोटर, कंट्रोलर, रोलर और बैटरी के इस्तेमाल से नॉर्मल कार को इलेक्ट्रिक कार में बदला जा सकता है. जितने किलोवॉट की बैटरी लगवाएंगे और जितने किलोवॉट की मोटर लगवाएंगे उसके बेस पर आपकी कार में खर्च आएगा. 20 किलोवॉट की इलेक्ट्रिक मोटर और 12 किलोवॉट की लीथियम आयन बैटरी का खर्च देखें तो ये 4 लाख रुपये तक जा सकता है.
प्रति KM खर्च में कितना अंतर आता है?
यह सामान्य तौर पर समझने के लिए नए इलेक्ट्रिक कार और नई डीजल कार का उदाहरण ले लेते हैं. इससे समझना आसान रहेगा. टाटा नेक्सन का उदाहरण लेकर चलते हैं क्योंकि इसमें पेट्रोल, डीजल और इलेक्ट्रिक तीनों विकल्प मौजूद हैं. Tata Nexon पेट्रोल और डीजल में 16 से 22 किलोमीटर तक का माइलेज देती है. पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर मानें और माइलेज को 16Km/l मानें तो कार की प्रति किलोमीटर की लागत करीब 6.25 पैसे होगी.
वहीं, डीजल को अगर 95 रुपये माना जाए और माइलेज को 22 रुपये माना जाए तो कार की प्रति किलोमीटर लागत करीब 4.31 रुपये प्रति किलोमीटर आएगी. जबकि Tata Nexon EV की बात करें तो यह फुल चार्ज करने में 30.2 यूनिट बिजली खर्च करती यानी अगर 6 रुपये/यूनिट बिजली की दर मानी जाए तो इसे एक बार फुल चार्ज करने में 181.2 रुपये का खर्च आएगा और फिर यह करीब 300km चलेगी. इस तरीके से इसका प्रति किलोमीटर का खर्च करीब 60 पैसे के करीब होगा.
कुल मिलाकर जमीन-आसमान का फर्क
यह तो नई कार का उदाहरण लिया है. लेकिन, जब आप अपने सामान्य कार को इलेक्ट्रिक कार में बदलवाएंगे तब भी यह आंकड़े करीब-करीब ऐसे ही रहेंगे क्योंकि इलेक्ट्रिक कार में जब कोई कार बदली जाती है, तो उसमें सभी इलेक्ट्रिक पार्ट्स नए ही लगते हैं. ऐसे में देखा जाए तो इलेक्ट्रिक कार इस्तेमाल करने का खर्च पेट्रोल-डीजल की कार से बहुत ही ज्यादा कम होता है.
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