Consumer Court: अगर किसी तरह की गंभीर दुर्घटना होने के बाद भी कार के एअरबैग नहीं खुलते, तो आप कानूनी तौर पर एअरबैग बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट का सहारा ले सकते हैं. आपको जिस कारण से नुकसान हुआ है, उस कारण को बताते हुए उस कार निर्माता कंपनी के खिलाफ हर्ज़ानात्मक कार्रवाई कर सकते हैं.


इस बात को ऐसे समझिए कि- "आप कहीं यात्रा कर रहे हैं और किसी गंभीर हादसे का शिकार हो जाते हैं. हादसा इतना गंभीर था कि हादसे में आपको बहुत ही गंभीर चोटें आईं. जान भी जा सकती थी, लेकिन अगर कार में लगे एअरबैग समय से खुल जाते तो शायद हादसे की गंभीरता को देखते हुए भी आपको इतनी चोटें न आतीं."


इस स्थिति में आप एअरबैग बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने लिए कानून का सहारा ले सकते हैं. चूंकि आपने कार को खरीदने के लिए कंपनी को एक तय राशि का भुगतान किया है इसलिए कार के किसी पुर्ज़े के प्रभावी रूप से काम न करने के लिए कंपनी जिम्मेदार होगी.


इंश्योरेंस कंपनी


कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही आप Motor Accident Claim Tribunal (MACT)  में केस फाइल कर इंश्योरेंस कंपनी से भी हर्ज़ाने की मांग कर सकते हैं. अगर आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी कॉम्प्रिहेंसिव है तभी आप इंश्योरेंस कंपनी से हर्ज़ाना मांग सकते हैं. हालांकि यह पूरी तरह कवर नहीं होता. इस पर भी डेप्रिसिएशन नियम लागू होता है.


क्या बिना एअरबैग की कार चलाना जुर्म है?


कानून में अब तक इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है कि बिना एअरबैग के कार चलना अपराध है, लेकिन ये एक हाथ से मोटरसाइकल चलाने जैसा है. इसलिए ये सलाह दी जाती है कि बिना एअरबैग वाली कार का प्रयोग नहीं करना चाहिए.


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