13 Lakhs Vehicles Recalled: वित्तीय वर्ष 2021-22 में वाहन सुरक्षा के सामने आए आंकड़े चौकाने वाले हैं. केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने गुरुवार को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए एक चौंकाने वाली जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में तकनीकी गड़बड़ियों और सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए करीब 13 लाख वाहनों को रिकॉल किया गया है. इन आंकड़ों का स्रोत आधार सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) द्वारा बनाए गए डेटा को बताया गया है. वाहन वापसी की यह संख्या पिछले 3 वर्षों में सबसे ज्यादा है, जिसे देखते हुए यह समझा जा सकता है कि सरकार किसी भी तरह के सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को लेकर समझौता करने के पक्ष में नहीं है.
पिछले कुछ समय से सरकार वाहनों में सुरक्षा के नजरिए से कई बड़े परिवर्तन कर रही है, जिसमें NCAP क्रैश टेस्ट रेटिंग प्वाइंट से अनिवार्य 6 एयरबैग सहित कई बदलाव किए गए हैं.
इतने वाहन हुए रिकॉल
SIAM के एक रिपोर्ट के आंकड़ों की बात करें तो वित्त वर्ष 2019-20 में लगभग 2.14 लाख वाहन रिकॉल किए गए थे, जबकि 2020- 21 में यह आंकड़ा 3.39 लाख हो गया. लेकिन 2021- 22 में सबसे ज्यादा लगभग 13 लाख वाहनों रिकॉल किया गया है, जिसमें 8,64,557 दोपहिया वाहन और 4,67,311 यात्री कारों को कंपनियों ने रिकॉल किया है. वहीं अगर बात की जाए चालू वित्त वर्ष 2022- 23 की तो 15 जुलाई तक 1,60,025 दोपहिया और 25,142 यात्री कारों को वापस बुलाया जा चुका है.
गंभीर हैं दुर्घटनाओं के आंकड़े
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी कि जिनेवा के वर्ल्ड रोड स्टैटिस्टिक्स (WRS) के अनुसार, 2020 के आंकड़ों में भारत में 1.5 लाख सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, यह रिपोर्ट इंटरनेशनल रोड फेडरेशन द्वारा जारी किया गया है. जो कि प्राप्त आंकड़ों के अनुसार यह 27 देशों में एक वर्ष में दर्ज कुल दुर्घटनाओं का 26.37% है. वहीं इसी साल में कार, टैक्सियों और छोटे हल्के वाहनों से जुड़ी कुल 69,986 दुर्घटनाएं दर्ज हुई थीं.
सुरक्षा सुविधाओं के अपनी गंभीरता जाहिर करते हुए सरकार ने अब आने वाली सभी सेगमेंट की नई गाड़ियों में 6 एयरबैग देना अनिवार्य कर दिया है. वहीं, गाड़ी के पीछे और मिडिल सीट में टू-पिन सीट बेल्ट की जगह अब थ्री पिन सीट बेल्ट को अनिवार्य कर दिया है. इसके साथ अब दोपहिया वाहनों के लिए चार साल से कम उम्र के बच्चों को भी अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनना होगा. इसके अलावा गाडियों में सुरक्षा की जांच हेतु भारत अपना खुद का NCAP तैयार कर रहा है.
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