Lamborghini Hybrid Car: लैंबोर्गिनी अगले साल तक भारत में लाएगी अपनी पहली हाइब्रिड कार, ये है पूरी डिटेल
देश में सुपर लग्जरी कार सेगमेंट में फेरारी, मासेराती, मर्सिडीज बेंज, लेक्सस, पोर्श, एस्टन मार्टिन,जगुआर, बीएमडब्ल्यू जैसी अन्य कम्पनियां अपनी कारें बेचती हैं.
Upcoming Lamborghini Cars: स्पोर्ट्स कारों के सैगमेंट में बेहद लोकप्रिय इटली की कार निर्माता कंपनी लेम्बोर्गिनी (Lamborghini) अपनी कारों के लिए इलेक्ट्रिक तकनीक के ग्लोबल प्लान के तहत अगले साल 2023 में भारत में अपनी पहली हाइब्रिड कार को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. लैंबोर्गिनी के सीनियर अधिकारी ने कहा कि “जब भी ग्लोबल मार्केट में कोई नई कार आती है, तो हम हमेशा यह देखने का प्रयास करते हैं कि इसे भारत में कितनी जल्दी लाया जा सकता हैं. वैश्विक स्तर पर, कंपनी 2023 में एक हाइब्रिड कार पेश करेगी जिसे अगले साल भारत में भी पेश किया जाएगा."
कंपनी के अधिकारी ने क्या कहा?
लेम्बोर्गिनी के इंडिया हेड शरद अग्रवाल ने एक बयान में बताया कि कम्पनी का प्लान साल 2028 तक अपनी पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कार को ग्लोबल मार्केट में पेश करना है और लगभग इसी समय इसे भारत में भी पेश किया जाएगा. एक निश्चित टाइमलाइन बताए बिना, शरद अग्रवाल ने कहा कि, "लेम्बोर्गिनी एक इलेक्ट्रिक कार को 2030 से पहले भारत में लॉन्च करेगी. इसके लिए अधिक लंबा इंतजार नहीं करना होगा." आपको बता दें कंपनी ने अभी पिछले सप्ताह ही भारत में हुराकन टैक्निका (Huracan Tecnica) को 4.04 करोड़ रूपये (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया है. ग्लोबल मार्केट में इस कार को इस साल अप्रैल में अनवील किया गया था और चार महीने के अंदर ही इसे भारत में भी लॉन्च कर दिया गया है.
क्यों महंगी होती हैं कंपनी की कारें?
लैंबॉर्गिनी ने देश में 2019 में 52 यूनिट के साथ अपनी सबसे अच्छी बिक्री की थी, और यह रिकॉर्ड 69 कारों की बिक्री के साथ 2021 में टूटा था. 2020 में लैंबोर्गिनी की केवल 37 यूनिट्स की ही बिक्री हुई थी. इन कारों के महंगे होने का एक कारण इनका आयातित होना है जिसपर देश में भारी टैक्स देना पड़ता है. फिलहाल भारत में 3,000 सीसी से अधिक के पेट्रोल इंजन या 2,500 सीसी से अधिक के डीजल इंजनों के साथ पूरी बनी हुई कार को इंपोर्ट कारें जिनका CIF यानी लागत, बीमा और माल ढुलाई की रकम 40,000 अमरीकी डालर से ज्यादा है, इसके लिए देश में 100% इंपोर्ट टैक्स देना पड़ता है. 3,000 सीसी से कम क्षमता वाले पेट्रोल इंजनों वाली पूरी तरह से तैयार कारों या 2,500 सीसी से कम डीजल इंजनों के साथ आने वाली कारों, जिनका CIF 40,000 अमरीकी डालर से कम होता है, उसके लिए 60% इंपोर्ट टैक्स वसूला जाता है.
कौन से मॉडल्स है देश में मौजूद?
लैंबोर्गिनी जर्मन ऑटो ग्रुप कंपनी वोक्सवैगन का हिस्सा है और देश में ह्यूराकन और एवेंटाडोर जैसी कारों के साथ उरुस एसयूवी की बिक्री करती है. कंपनी का पूरे देश में दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर में तीन डीलरशिप्स मौजूद हैं.
कितनी और कौन हैं खरीदार?
लग्जरी सुपर कार के सेगमेंट में देश एक अच्छा बाजार होने के बाद भी कंपनी की गाड़ियों की लगभग एक चौथाई बिक्री टियर-2 और 3 शहरों में होती है. लेम्बोर्गिनी ने हाल ही में शिलांग में अपनी पहली कार की डिलीवरी की है, और साथ ही भुवनेश्वर, कोलकाता बड़े शहरों से भी कंपनी की गाड़ियों को बढ़िया रिस्पांस मिल रहा है फिर भी कंपनी अभी इस जोन में कोई शोरूम नहीं खोलेगी. भारत में लेम्बोर्गिनी स्पोर्ट्स कारों के मालिकों की सामान्य आयु 25 से 45 वर्ष के बीच होती है, लेकिन कम्पनी के सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडल Urus के मालिकों की आयु 55 वर्ष तक देखी गई है.
क्यों कम होती है बिक्री?
शरद अग्रवाल के अनुसार, देश में कंपनी के विकास में बाधा डालने वाले चार प्रमुख कारक हैं- टैक्स पॉलिसी, करेंसी निर्धारण यानि यूरो या डॉलर, इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास और लग्जरी कारों के लिए लोगों की धारणा. "जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित हो रहा है फिर भी मुद्रा की कम होती कीमत का प्रमुख चिंता है. क्योंकि पिछले दशक में इस सेगमेंट की औसत कीमत में करीब 50% का बदलाव देखने को मिला है."
कंपनी ने 2007 में देश अपने कदम रखने के बाद से कंपनी ने कुल 400 यूनिट्स की कुल बिक्री दर्ज की है. ग्लोबल बाजारों को बात की जाए तो लेम्बोर्गिनी अमेरिका में अपनी सबसे अधिक कारें बेचती है. पिछले साल कंपनी ने यहां 2,500 से अधिक यूनिट्स की बिक्री की थी. उन्होंने कहा कि कंपनी को भारत में भी ऐसे आंकड़े देखने को मिल सकते हैं. भारत कंपनी के लिए एशिया के टॉप 5 देशों में से एक है.
ये कारें भी हैं मौजूद
देश में सुपर लग्जरी कार सेगमेंट में फेरारी, मासेराती, मर्सिडीज बेंज, लेक्सस, पोर्श, एस्टन मार्टिन,जगुआर, बीएमडब्ल्यू जैसी अन्य कम्पनियां अपनी कारें बेचती हैं.
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