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Maruti Suzuki Cars Sales: लगातार बढ़ रही है मारूति के फैंस की संख्या, महंगाई का भी नहीं हो रहा कोई असर
Maruti Suzuki Cars: 2022 के मई-जुलाई में कम्पनी का उत्पादन 95 प्रतिशत था, जबकि पिछ्ले वर्ष सितंबर में यह महज 40 प्रतिशत ही रह गया था, जो कि कम्पनी के लिए अब तक का सबसे कम प्रोडक्शन था.
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Maruti Cars: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने देश में बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए पिछले कुछ समय में रेपो रेट में इजाफा किया गया है. जिसका सीधा अर्थ है कि सभी बैंकों से अब कर्ज लेना महंगा हो गया है. लेकिन गाड़ी खरीदने वाले लोगों पर इसका कोई प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है. खासकर भारत में सबसे ज्यादा गाड़ियां बेचने वाली कंपनी मारूति सुजुकी के ग्राहकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है और दिन प्रतिदिन नई कारों की भी तेजी से बुकिंग हो रही है.
मारुति के सीनियर एक्जिक्यूटिव ऑफिसर शशांक श्रीवास्तव के अनुसार कंपनी द्वारा ग्रैंड विटारा और ब्रेजा को लॉन्च किए जाने के बाद इस साल की पिछली तिमाही में कंपनी के पास लंबित बुकिंग्स की संख्या 2.8 लाख यूनिट्स से बढ़कर 3.87 लाख यूनिट्स हो गई है.
लगातार बनी हुई है मांग
मारूति की तरफ से शशांक श्रीवास्तव ने बताया कि बैंको के इंट्रेस्ट रेट में इजाफे के बाद नई बुकिंग्स में गिरावट दिख सकती थी लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. उन्होंने इसका एक और कारण कंपनी की आपूर्ति कम होना भी बताया है. उनके अनुसार महामारी और सेमीकंडक्टर की कमी के कारण पिछले कुछ समय में आपूर्ति श्रृंखला में कंपनी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है जिसके कारण कंपनी के उत्पादन में गिरावट आई है और ग्राहकों की डिमांड की उस अनुपात में पूर्ति नहीं की जा सकी है.
उत्पादन बढ़ने पर डिमांड का होगा सही आंकलन
शशांक ने बताया कि जब एक बार कंपनी का उत्पादन मांग के अनुसार पूरा हो जाएगा, तभी ग्राहकों की डिमांड का सही आंकलन किया जा सकता है. सेमीकंडक्टर सप्लाई की स्थिति कुछ ठीक हुए है, लेकिन फिर भी कुछ दिक्कतों के कारण कंपनी अपनी क्षमता के अनुसार प्रॉडक्शन नहीं कर पा रही है. उन्होंने बताया कि 2022 के मई-जुलाई में कम्पनी का उत्पादन 95 प्रतिशत था, जबकि पिछ्ले वर्ष सितंबर में यह महज 40 प्रतिशत ही रह गया था, जो कि कम्पनी के लिए अब तक का सबसे कम प्रोडक्शन था.
रेपो रेट की दर हुई कोविड-19 के पहले वाले स्तर पर
RBI द्वारा पिछ्ले 4 माह में 3 बार रेपो रेट में वृद्धि करके इसे 5.40 फीसदी कर दिया गया है. इस साल मई-अगस्त के बीच इसमें 1.40% की बढ़ोत्तरी हुई है.
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