पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी इंडिया ने 31 मार्च 2022 तक लगभग 235,000 सीएनजी कारें बेचीं हैं. इसकी बिक्री में जिसमें साल-दर-साल हिसाब से 31% की वृद्धि हुई है. कार निर्माता ने वित्त वर्ष 2021 में लगभग 162,000 कारों की बिक्री की थी. मारुति सुजुकी के पास 15 में से 9 मॉडल सीएनजी विकल्प के साथ हैं. एमएसआइएल के अनुसार, उद्योग की कुल बिक्री में सीएनजी का योगदान लगभग 8.5% है.


मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने कहा कि मांग की सबसे बड़ी वजह सीएनजी कारों की कम चलने वाली लागत है, जो लगभग 1.80 रुपये/ किमी है. पेट्रोल/डीजल कारों के लिए यह लगभग 5.20 रुपये/ किमी है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा सीएनजी स्टेशनों की संख्या भी पिछले दो वर्षों में लगभग दोगुनी हो गई है, यह 1500 से बढ़कर 3,000 से अधिक हो गई है और इसकी पहुंच दो साल पहले 140 शहरों से बढ़कर अब 253 शहरों तक हो गई है.


सीएनजी के लिए सुरक्षा और गुणवत्ता की चिंता एक बड़ी चुनौती रही है जो अब बदल गई है. श्रीवास्तव ने कहा, 'पहले बहुत सी रेट्रोफिटेड सीएनजी कारें बेची जाती थीं और उनके सामने गुणवत्ता की चुनौतियां थीं. BS-VI लागू होने के बाद केवल कंपनी-फिटेड सीएनजी कारें ही बेची गईं, जिससे सीएनजी वाहनों के प्रति ग्राहकों का रुझान बढ़ा.' बता दें कि पिछले 10 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई है और अब तक कुल 6 रुपये रुपये प्रति लीटर से ज्यादा बढ़ चुकी हैं. 


यात्री वाहनों के सीएनजी वेरिएंट की मांग बढ़ रही है. हालांकि, अगर MoRTH द्वारा बीएसVI वाहनों में सीएनजी किट के रेट्रो फिटमेंट की अनुमति देने का प्रस्ताव पारित किया जाता है, तो इससे फैक्ट्री-फिट सीएनजी किट वाले वाहनों की बिक्री में बाधा आ सकती है. मसौदा अधिसूचना में उपयोग में आने वाले डीजल इंजन को सीएनजी इंजन से बदलने का भी प्रस्ताव है. सीएनजी और पेट्रोल/डीजल के बीच कीमतों के अंतर को कम करने से भी सीएनजी वाहनों की मांग में बाधा आ सकती है.


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