Maruti Cars: हाल ही में टोयोटा ने देश की पहली फ्लेक्स फ्यूल कार लॉन्च कर दी. इसी के साथ सरकार भी कार निर्माता कंपनियों से आग्रह कर रही है, कि वे फ्लेक्स फ्यूल आधारित इंजन बनाने पर ज्यादा जोर दें. ताकि कार्बन न्यूट्रेलिटी के लक्ष्य को तय समय में हासिल किया जा सके. इसके अलावा महंगे होते पेट्रोल से भी रहत मिल सके. इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए मारुति सुजुकी ने भी जल्द ही अपनी कारों में फ्लेक्स फ्यूल इंजन प्रयोग करने की घोषणा की है.


मार्च 2023


जानकारी के मुताबिक मारुति सुजुकी मार्च 2022 तक E20 (यानि पेट्रोल + 20 % एथेनॉल) आधारित इंजन को बना लेगी. अभी देश में E10 ईंधन का प्रयोग किया जा रहा है. जहां भी ये मौजूद है. लेकिन अप्रैल 2023 से अप्रैल 2025 तक देश में E20 ईंधन के प्रयोग का चरण होगा. जिसकी वजह से अगली साल 2023 से सभी कार निर्माता कंपनियों को E20 ईंधन पर चलने वाले इंजन तैयार करने के नियम को मानना होगा. 


फ्लेक्स फ्यूल ईंधन की योजना


सरकार की योजना के मुताबिक 2022 तक देशभर में E10 ( पेट्रोल में 10% एथेनॉल का मिश्रण) का प्रयोग और अप्रैल 2023 से अप्रैल 2025 तक E20 ईंधन का प्रयोग अनिवार्य करने की योजना है. जिससे सरकार निर्धारित समय में कार्बन न्यूट्रैलिटी के लक्ष्य को प्राप्त कर सके.


फ्लेक्स फ्यूल की जरुरत क्यों ?


फ्लेक्स फ्यूल को ईंधन के विकल्प के रूप में अपनाने की दो मुख्य वजह हैं. पहली, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती पेट्रोल डीजल की कीमतों का विकल्प है फ्लेक्स फ्यूल. दूसरा, फ्लेक्स फ्यूल के प्रयोग से प्रदूषण से भी बचा जा सकेगा. इसके अलावा देश में उपलब्ध गन्ना और मक्के से फ्लेक्स फ्यूल तैयार किया जा सकेगा.


पहली फ्लेक्स फ्यूल कार


अक्टूबर 2022 में ही टोयोटा की कोरोला कार को भारत में पहली फ्लेक्स फ्यूल कार के रूप में लॉन्च कर किया जा चुका है. ये कार 100 प्रतिशत इथेनॉल (E100) पर चलने वाली देश की पहली कार बन गयी है. कोरोला के इस पेट्रोल मॉडल को एथेनॉल फ्यूल से चलाने के लिए इसमें फ्लेक्स फ्यूल किट का प्रयोग किया गया है.


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