भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों ने बहुत ही कम समय में एक लंबा सफर तय किया है और देश में कुछ समय के लिए आईसीई वाहनों का ईवी में बदलाव एक पॉपुलर आइडिया रहा है, लेकिन बहुत कम सफलता मिली है. उत्सर्जन के स्तर को नीचे लाने के लिए, पहले से मौजूद कई वाहनों को बिजली के स्रोतों में बदलना होगा और यह इस तरह के बदलाव के आसपास की कई समस्याओं में से एक है. दिल्ली सरकार ने नवंबर 2021 में घोषणा की थी कि 10 साल से अधिक पुरानी डीजल कारों को राष्ट्रीय राजधानी में तब तक चलने की अनुमति नहीं दी जाएगी जब तक कि उनके इंजनों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक ड्राइवट्रेन से बदल नहीं दिया जाता.


इस संभावित अवसर का लाभ उठाने की कोशिश करते हुए, दिल्ली स्थित टैडपोल प्रोजेक्ट्स ने अब 19 साल पुरानी मर्सिडीज-बेंज सी-क्लास को ICE से EV में बदल दिया है.


कनवर्ट के लिए उपयोग की जाने वाली यह मर्सिडीज-बेंज सी-क्लास 2003 में बनी एक पेट्रोल वेरिएंट कार थी. कार को न केवल इलेक्ट्रिक में बदला गया है, बल्कि जीपीएस, जियो-फेंसिंग और रिमोट परफोर्मेंस असेसमेंट जैसे नए जमाने के मोबिलिटी फीचर से भी लैस किया गया है. 


कंपनी बैटरी पर 3 साल और EV किट पर 2 साल की वारंटी देती है, जो हमें लगता है कि थोड़ी कम है लेकिन भविष्य में इसमें सुधार हो सकता है. कार अभी तक केवल एसी चार्जिंग को सपोर्ट करती है और बैटरी को पूरी तरह चार्ज करने में 5-6 घंटे का समय लेती है. कंपनी का कहना है कि जरूरत पड़ने पर डीसी चार्जिंग का भी प्रावधान है.


टैडपोल प्रॉजेक्ट का दावा है कि कार की टॉप स्पीड 90 किमी प्रति घंटे है और एक बार चार्ज करने पर 150 किमी की दूरी तय करती है. कंपनी का यह भी कहना है कि ग्राहक की आवश्यकता के अनुसार कार की स्पीड को 150 किमी प्रति घंटे और रेंज को 250 किमी से आगे बढ़ाया जा सकता है.


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