कारों में ये फीचर होता तो बचाई जा सकती थी 13,000 से ज्यादा लोगों की जान, जानें कैसे
वाहन चलाने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अगर कारों में कार्यात्मक एयरबैग होते तो देश में 2020 में 13,022 लोगों की जान बचाई जा सकती थी.
वाहन चलाने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अगर कारों में कार्यात्मक एयरबैग होते तो देश में 2020 में 13,022 लोगों की जान बचाई जा सकती थी. केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्रालय ने नए नियमों को अधिसूचित कर दिया है और एक अक्टूबर से सभी वाहनों में साइड एयरबैग सहित छह एयरबैग लगाने का प्रस्ताव है.
प्रश्नकाल के दौरान उत्तर देते हुए गडकरी ने कहा कि 2020 में वाहनों की आमने-सामने टक्कर के बाद एयरबैग के उपयोग से कुल 8,598 लोगों की जान बचाई जा सकती थी. उन्होंने कहा कि 2020 में आमने-सामने की टक्करों में 25,289 लोग मारे गए और एयरबैग द्वारा सामने की टक्कर में 30% लोगों की जान बचाई जा सकती थी.
इसी तरह, साइड टक्करों में 14,271 लोगों की जान चली गई और उनमें से 31% या 4,424 लोगों की जान साइड एयरबैग के इस्तेमाल से बचाई जा सकती थी. मंत्री ने कहा कि हर साल, हम पांच लाख दुर्घटनाओं और 1.5 लाख मौतों का सामना करते हैं. इस कारण से हम अब कई उपाय कर रहे हैं. छह एयरबैग अब अनिवार्य हैं. हमने इकोनॉमी मॉडल के लिए भी इसे अनिवार्य बनाने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा, हम लोगों के जीवन की रक्षा करना चाहते हैं और इसीलिए हम इस रेटिंग प्रणाली को शुरू करने जा रहे हैं, जो ऑटोमोबाइल क्षेत्र में गुणात्मक रूप से सुधार करने जा रहा है. गडकरी ने कहा कि अधिक निर्यात होने से अधिक रोजगार की संभावनाएं पैदा होंगी और देश के लिए विकास का रास्ता खुलेगा.
गडकरी ने कहा, सड़क परिवहन मंत्रालय और भारत एनकैप द्वारा मानदंडों को पहले ही अधिसूचित कर दिया गया है और हमारे दुर्घटना मानकों में काफी सुधार होगा. मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया है कि 1 अक्टूबर, 2022 के बाद निर्मित "एम1" श्रेणी के वाहनों में दो साइड या साइड-टोरसो एयरबैग, एक-एक फ्रंट रो आउटबोर्ड बैठने की स्थिति में रहने वाले व्यक्तियों के लिए और दो साइड कर्टेन या ट्यूब एयरबैग लगाया जाएगा.
गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि 1 अक्टूबर, 2022 को या उसके बाद निर्मित "एम1" श्रेणी के वाहनों में सभी फ्रंट-फेसिंग सीटों को तीन-बिंदु सीट बेल्ट दिया जाए.
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