Electrical Vehicle Charging: दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो सुविधा के तहत लगभग एक साल के अंदर 1,000 चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर दिए हैं. अगले तीन सालों में सरकार 18,000 चार्जिंग स्टेशन लगाने के टारगेट को लेकर चल रही है. चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए सिंगल विंडो की शुरुआत 2021 में की गयी थी.


सिंगल विंडो शुरू करने के पीछे उद्देश्य शहर में निजी और अर्ध-सार्वजनिक स्थानों जैसे अपार्टमेंट और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी, अस्पताल जैसे संस्थागत भवन, किराना स्टोर, दुकानें और मॉल जैसी कमर्शियल जगहों में ईवी चार्जर लगाना था.


ईवी चार्जर लगाने वाली कंपनियां


इस सुविधा के तहत राजधानी दिल्ली का कोई भी व्यक्ति अपने घर में विक्रेताओं या डिस्कॉम के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करके या फोन कॉल के द्वारा ईवी चार्जर लगाने के लिए रिक्वेस्ट कर सकता है. दिल्ली में तीन कंपनिया बिजली सेवा प्रदान करतीं हैं - बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL), बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (BYPL) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPDDL).


सब्सिडी


दिल्ली सरकार पहले 30,000 स्लो चार्जिंग पॉइंट लगवाने वालों के लिए 6,000 रुपये प्रति चार्जिंग पॉइंट पर सब्सिडी दे रही है. सब्सिडी को छोड़कर जमा किए गए रुपयों से ईवी चार्जर, इंस्टॉलेशन और तीन साल के लिए इसके रख-रखाव की लागत भी शामिल है. अगर सब्सिडी को हटा दिया जाए तो इलेक्ट्रिक कार के चार्जर के लिए लगभग 2,500 रुपये का अमाउंट देना होता है.


ऐसे लगे 1000 चार्जर


दिल्ली में 1,000 इलेक्ट्रिक कारों के लिए चार्जर लगाने में BRPL ने 315 जगहों पर 682, BYPL ने  70 जगहों 150 चार्जिंग पॉइंट और TPDDL ने 50 जगहों पर 168 चार्जिंग पॉइंट लगाने का काम किया है. इन चार्जिंग पॉइंट्स में से लगभग 59 % चार्जर रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने लगाए हैं. इसके अलावा 15 % कार्यालयों के परिसर में और 13% ई-रिक्शा पार्किंग की जगहों में लगाए गए हैं. कुल मिलकर दिल्ली सरकार ने इन 1,000 चार्जिंग पॉइंट्स पर 60 लाख रुपये सब्सिडी के रूप में खर्च किए हैं.


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