भारत में सड़क दुर्घटनाएं: भारत में साल 2021 में हुई सड़क दुर्घटनाओं के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों पर नजर डालें तो, हर साल लगभग 5 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होतीं हैं. जिसमें 1.5 लाख लोगों की जान चली जाती है. और तकरीबन 3 लाख से ज्यादा लोग घायल होते हैं. भारत में तमाम कार बनाने वाली कंपनियां अपनी कारों में 6 एअरबैग की सुविधा वाली कारों का निर्यात कर रहीं हैं, उन कंपनियों को देश के लिए बनाई जा रहीं बजट कारों में भी सुरक्षा के मानकों पर ध्यान देने की जरूरत है.


कार कंपनियों के लिए नया नियम


साल 2022 की शुरुआत में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक कहा था कि, सड़क हादसों के आंकड़ों को देखते हुए और लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए. केंद्रीय मोटर वाहन (CMVR), 1989 नियमों में बदलाव कर कार में सेफ्टी फीचर्स को बढ़ाने का निर्णय किया गया है. इसीलिए इस साल जनवरी में, सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक ड्राफ्ट तैयार कर अधिसूचना जारी की. जिसमें बताय गया था कि 1 अक्टूबर 2022 के बाद बनने वाले श्रेणी M1 के वाहनों में दो फ्रंट डुअल एयरबैग आगे बैठने वाले व्यक्तियों के लिए, साथ ही दो तरफ के कर्टन/ट्यूब एयरबैग को लगाना अनिवार्य कर दिया गया है.


कार निर्माताओं की आपत्ति 


कार बनाने वाली कंपनियों के अनुसार कार में 6 एअरबैग लगाने से कार की मैन्युफैक्चरिंग लागत में बढ़ोत्तरी होगी और कारों के भी दाम बढ़ेंगे. जिससे कारों की बिक्री में गिरावट देखने को मिल सकती है. दरअसल सरकार आने वाली 1 अक्टूबर से देश में बिकने वाली सभी कारों के लिए 6 एयरबैग को अनिवार्य करने के लिए कह चुकी है. सरकार का कहना है कि सड़क हादसों को देखते हुए देश में कार निर्माताओं के बीच इस बात की प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए कि कौन-सी कंपनी बजट का ध्यान रखते हुए अपने ग्राहकों को सबसे ज्यादा सुरक्षा वाली कार दे सकती है.


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