दिल्ली परिवहन विभाग ने निर्देश दिया है कि एनजीटी के आदेश के अनुसार प्रतिबंधित क्षेत्रों को छोड़कर अन्य राज्यों के लिए 10 से 15 साल पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी किए जाएंगे. परिवहन विभाग की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि 15 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों (पहले पंजीकरण से) के लिए कोई NOC जारी नहीं की जाएगी. ऐसे वाहनों को स्कैप ही किया जाएगा.


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 27 जुलाई 2016 को अपने आदेश में राज्यों को उन क्षेत्रों की पहचान करने का निर्देश दिया था जहां हवा का फैलाव अधिक है और वाहनों का घनत्व कम है ताकि पंजीकरण और पुराने वाहनों को चलाने का मार्ग प्रशस्त हो सके। बता दें कि दिल्ली में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन बैन हैं. इन्हें स्क्रैप से बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने रेट्रो फिटमेंट की भी शुरुआत की है. अब NOC को लेकर भी कदम उठाया गया है.


अब दिल्ली परिवहन विभाग के आदेश में कहा गया है कि परिवहन विभाग के सभी पंजीकरण प्राधिकरण या क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय संबंधित राज्यों द्वारा अनुमत जिलों/स्थानों पर डीजल, पेट्रोल और सीएनजी वाहनों के अन्य राज्यों में हस्तांतरण के लिए एनओसी जारी कर सकते हैं. आदेश में कहा गया है कि एनओसी उन जिलों या राज्यों के लिए भी जारी की जाएगी, जहां से न तो परिवहन विभाग को सूचना मिली है और न ही संबंधित वेबसाइट्स पर जानकारी अपलोड की है.


बता दें कि दिल्ली सरकार के एनओसी देने के आदेश से उन पुरानी कार के मालिकों को फायदा होगा, जिनकी डीजल कार 10 से 15 साल पुरानी है या जिनकी पेट्रोल कार 15 साल से ज्यादा पुरानी हो गई है, जिसके कारण उन्हें इनके रजिस्ट्रेशन रद्द होने का डर सता रहा था. अब वह अपने वाहनों को उन अन्य राज्यों में बेच सकेंगे, जहां इतनी अवधि की पुरानी गाड़ियों को चलाने की अनुमति हो.


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