New Toll Collection Rules: केंद्र सरकार अगले साल से टोल नीति में बदलाव करने जा रही है. अनुमान लगया जा रहा है कि इस नई नीति में टोल लेने की प्रक्रिया में बदलाव कर, इसे जीपीएस बेस्ड किया जा सकता है. जिसके बारे में पहले से भी चर्चा होती रही है. इसके साथ ही इस बात की भी संभावना जतायी जा रही है कि जीपीएस सिस्टम के अलावा वाहनों के साइज के आधार पर भी टोल की वसूली की जा सकती है. वर्तमान में टोल वसूलने का नियम एक निश्चित दूरी के आधार पर तय मानक के अनुसार है.
वाहन का आकर तय करेगा टोल
नई टोल पॉलिसी के अनुसार वाहन की टोल वसूली इस बात से तय की जा सकती है, कि वाहन ने सड़क पर कितने समय और कितनी दूरी की यात्रा तय की. इससे वाहन के आकर की कैलकुलेशन किया जा सकेगा कि वाहन ने सड़क कितनी जगह का प्रयोग किया. साथ ही वाहन से सड़क पर पड़ने वाले वजन का भी पता चल सकेगा.
कैसे और कहां तैयार होगा नया प्लान
जानकारी के अनुसार आईआईटी बीएचयू को टोल की नई रूप रेखा तैयार करने का काम सौंपा गया है. हालांकि सरकार की तरफ से इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गयी है, लेकिन बीएचयू के सबंधित विभाग के एक प्रोफ़ेसर ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि सड़क और परिवहन मंत्रालय की तरफ से उन्हें पीसीयू तैयार करने का प्रोजेक्ट मिला हुआ है.
वाहन का वजन भी चेक होगा
इस नीति के तहत वाहन के वजन का भी आकलन किया जा सकता है. हालांकि इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू होना अभी बाकी है. आईआईटी बीएचयू सरकार को बताएगी कि वो किस फॉर्मूले के तहत टोल लेने के तरीके में बदलाव संभव है.
अगर इस तरह टोल लेने के तरीके में बदलाव होता है तो ये छोटे वाहन मालिकों और कम दूरी तय करने वाले लोगों के लिए राहत भरा हो सकता है. वर्तमान नियम के अनुसार दूरी के हिसाब से टोल लेने का प्रावधान है. जिससे कम दूरी के लिए भी ज्यादा टोल देना पड़ता है और 5-सीटर से लेकर 7-सीटर, सभी पर बराबर टोल लिया जाता है. जिसमें बदलाव किया जा सकते है.
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