Car Comparison: बहुत सारे लोग इस बात को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं कि उन्हें पेट्रोल कार ख़रीदना चाहिए या डीजल कार. खासकर ईंधन की बढ़ती कीमतों ने लोगों के इस कन्फ्यूज को और अधिक बढ़ा दिया है. जिन लोगों को गाड़ी का ज्यादा इस्तेमाल करना होता है वे अधिकतर डीजल गाड़ियां ही पसंद करते हैं. अगर आप भी ऐसे ही कंफ्यूजन में हैं तो इसके लिए सिर्फ कीमत ही नहीं बल्कि और भी कई कारकों को ध्यान में रखने की जरूरत है. 


1. मेंटेनेंस कॉस्ट- पेट्रोल कार का रखरखाव का खर्च कम होता है लेकिन डीजल का मेंटेनेस कोस्ट थोड़ा ज्यादा होता है. सर्विस और मेंटेनेंस के रूप में इसमें 1000 से 2000 रुपये अधिक खर्च करने पड़ते हैं. 


2. प्रदूषण- पेट्रोल और डीजल वाहन अलग अलग स्तर  प्रदूषण करते हैं. डीजल वाहन NO2 गैस का अधिक उत्सर्जन करते हैं जो पर्यावरण के लिए ज्यादा खतरनाक होता है.  


3. लाइफ साइकल- पेट्रोल और डीजल दोनों वाहनों के लिए अगल लाइफ साइकल निर्धारित है. दिल्ली-एनसीआर में जहां पेट्रोल कारों को 15 साल तक इस्तेमाल किए जाने की अनुमति है वहीं डीजल कारों के लिए केवल 10 साल का ही परमिट है. इसके बाद इन कारों को इस राज्य में चलाने की अनुमति नहीं है. 


4. कार की कीमत- दोनों कारों की कीमत में भी एक बड़ा अंतर देखने को मिलता है डीजल कारें पेट्रोल के मुकाबले करीब 1 लाख रूपये से अधिक महंगी होती हैं. जबकि पेट्रोल कारें कुछ किफायती होती हैं. 


5. कार का माइलेज- डीजल गाड़ी पेट्रोल गाड़ी के मुकाबले अधिक माइलेज देती है. पेट्रोल कार में पॉवर ज्यादा मिलती है लेकिन डीजल कार हाई गियर में ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करती है. यदि आपको कम दूरी या शहर में चलाने के लिए एक गाड़ी चाहिए तो पेट्रोल बढ़िया विकल्प है, जबकि लंबी दूरी की यात्रा के लिए डीजल गाड़ियां बेहतर होती हैं.


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