Tata Nexon EV की बैटरी का प्राइस जानकार उड़ जाएंगे होश! इस कीमत में आ जायेगी नई डिजायर
टाटा मोटर्स की मौजूदा वित्त वर्ष की वैश्विक बिक्री के मामले में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वर्तमान में यह मारुति और हुंडई के बाद कार निर्माता के रूप में तीसरे पायदान पर है.
Tata Nexon EV Battery Price: इलेक्ट्रिक कार बाजार में भारतीय कार निर्माता कंपनी टाटा का राज है. कुल तीन इलेक्ट्रिक मॉडल्स के साथ कंपनी इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में शीर्ष पर है. सेगमेंट बेस्ट सेलिंग कार भी टाटा की नेक्सॉन ईवी (Tata Nexon EV) है. नेक्सॉन ईवी मैक्स (Tata Nexon EV Max), जो कि अपनी ज्यादा लंबी रेंज के लिए जानी जाती है, की भी कंपनी अच्छी सेल्स करती है. टाटा अपनी अल्ट्रोज का भी इलेक्ट्रिक वर्जन (Altroz EV) लाने की तैयारी में है. इलेक्ट्रिक कारों में टाटा टिगोर ईवी (Tata Tigor EV) भी हर महीने अच्छी संख्या में बिकती है. ये मॉडल्स ही कंपनी को देश की नंबर 1 इलेक्ट्रिक कार कंपनी बनाते है.
टाटा को नंबर 1 बनने का कारण उसका इस बाजार के EV सेगमेंट में पहले कदम रखना माना जाता है, जबकि फिलहाल अन्य कोई कंपनी टाटा को इस सेगमेंट में कड़ा मुकाबला नहीं देती है. अभी कुछ दिनों पहले ही टाटा नेक्सॉन ईवी में आग लगने की एक घटना हुई थी, हालांकि यह इस तरह का पहली घटना ही थी. इसमें राहत की बात यह रही कि नेक्सॉन ईवी ने समय रहते चालक को सावधान कर दिया जिससे वह वक्त पर बाहर निकलने में सफल रहा.
टाटा नेक्सॉन ईवी के एक कस्टमर ने एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर खुलासा किया कि उन्होंने अपनी कार को लगभग 2 साल में 68,000 किलोमीटर चलाया और इसके बाद उन्हें कार से रेंज कम मिलने की परेशानी होने लगी. उनके खुलासे में की हुई शिकायत के अनुसार 15 प्रतिशत से कम बैटरी चार्ज होने पर उनकी कार स्टार्ट भी नहीं हो रही थी. क्योंकि बैटरी की वॉरंटी अभी बाकी थी इसलिए टाटा ने बिना कोई शुल्क लिए कार की बैटरी रिप्लेस कर दी. इसके बाद जब कस्टमर ने बैटरी कीमत जाननी चाही तो डीलर ने उन्हें यह जानकारी दी कि बैटरी की कीमत 7 लाख रुपये है. हालांकि टाटा मोटर्स ने आधिकारिक रूप से यह कीमत नहीं बताई है.
टाटा मोटर्स की मौजूदा वित्त वर्ष की वैश्विक बिक्री के मामले में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वर्तमान में यह मारुति और हुंडई के बाद कार निर्माता के रूप में तीसरे पायदान पर है. भारत में इलेक्ट्रिक कारों के लिए फिलहाल बैटरी का आयात किया जाता है, क्योंकि भारत में इलेक्ट्रिक कारों के लिए जरूरी टेक्नॉलजी बहुत शुरुआती दौर में होने के कारण बहुत महंगी है. टाटा की लोकप्रियता बीते कुछ समय में एक ऑटोमेकर ब्रैंड के तौर पर काफी बढ़ी है.