Modified Mahindra Thar: भारत में इन दिनों एसयूवी कार का जबरदस्त क्रेज है. इन कारों को पसंद किये जाने की वजह इनका स्पोर्टी और आकर्षक लुक है. कुछ लोग कारों के इतने शौकीन होते हैं, कि उन्हें कंपनी की बनायी हुई कार भी मॉडिफाइड कराने की जरुरत महसूस होती है. लेकिन कभी-कभी ये मॉडिफिकेशन भारी पड़ जाता है और वाहन मालिक को भारी भरकम जुर्माना देना पड़ता है. जैसे हाल ही में कश्मीर में एक थार मालिक को पड़ गया. आइये बताते हैं क्या है पूरा क्या माजरा.
गैर कानूनी है मॉडिफिकेशन
खबरों के अनुसार श्रीनगर के रहने वाले आदिल फारुख के पास महिंद्रा थार कार है. जिसका उन्होंने मॉडिफिकेशन कराकर लुक चेंज करा दिया था. इस पर कार्यवाही करते हुए, श्रीनगर ट्रैफिक कोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 (MVAct) के सेक्शन 52 के तहत सजा दी है, साथ ही RTO श्रीनगर को कार में करवाए गए सारे मॉडिफिकेशन को हटवाने का निर्देश भी दे दिए हैं.
कार में करवाया था ये काम
एक रिपोर्ट के मुताबिक कार मालिक ने एक पुरानी थार को खरीदकर मॉडिफाइड करवा लिया था. जो मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 52 का सीधा सा उल्लंघन है. इसके अलावा इस कार में सायरन, हार्ड टॉप, बड़े पहिये, एलईडी लाइट्स लगवा रखी थी, जो पूरी तरह ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन था.
ऐसे हुयी कोर्ट की कार्रवाई
महिंद्रा थार कार के मालिक आदिल फारुख भट्ट के खिलाफ फैसला सुनाते हुए श्रीनगर एडिशनल स्पेशल मोबाइल ट्रैफिक मजिस्ट्रेट शब्बीर अहमद मालिक ने कहा, कि कार मालिक पहले किसी मामले में दोषी नहीं मिला है. इसलिए कार मालिक को प्रोबेशन ऑफ़ ऑफेंडर एक्ट का लाभ दिया जाता है. जिसके तहत कार मालिक को छह माह की जेल या 2 लाख रूपये का जुर्माना देने के साथ-साथ 2 साल तक शांति और अच्छा व्यवहार करना होगा. ऐसा करने से कार मालिक जेल में जाने से बच सकेगा.
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