सड़क हादसों को कम करने के लिए मंत्रालय ने जारी किया नया नियम, 1 अक्टूबर से होगा प्रभावी
Road Accident in inda: आंकड़ों पर गौर करें तो देश में प्रतिवर्ष करीब 85,616 सड़क हादसे ओवरस्पीडिंग की वजह से होते हैं जिनमें करीब 32,873 लोगों की मौत हो जाती है.
New Guidelines For Automobile Vehicle Tyres: ओवर स्पीडिंग के कारण बढ़ते हुए सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने वाहनों में प्रयोग किए जाने वाले टायरों के लिए अब कुछ नए मानकों को तय कर दिया है. साथ ही नए डिजाइन और मौजूदा टायरों के लिए मानक को लागू करने के लिए समय भी तय कर दिया है. नए डिजाइन वाले टायरों का आगामी 1 अक्टूबर से नए मानकों के अनुरूप उत्पादन होगा. मौजूदा टायरों में यह मानक 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होंगे जिसके संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है.
देश में प्रतिवर्ष करीब 85616 सड़क हादसे ओवरस्पीडिंग की वजह से होते हैं जिनमें करीब 32873 लोगों की मौत हो जाती है. इन हादसों के होने का एक बड़ा कारण मौजूदा उपलब्ध टायरों का ओवर स्पीडिंग की वजह से गर्म होकर फटना या ब्रेक लगने पर स्लिप होना होता है. सड़क परिवहन मंत्रालय ऐसे हादसों को कम करने के लिए लगातार प्रयासरत है. इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने टायरों के लिए दो अलग-अलग मानक टायर रोलिंग रेजिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग साउंड को तय कर दिया है और दोनों को लागू करने के लिए समय सीमा को भी तय कर दिया है.
जाने क्या है नया नियम
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 95 में संशोधन करते हुए एक नई अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत मोटर वाहन उद्योग मानक 142:2019 के अनुसार C1 (यात्री कार) C2 (हल्के ट्रक) और C3 (ट्रक और बस) के लिए आने वाले टायरों के लिए रोलिंग रजिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग साउंड उत्सर्जन को अनिवार्य कर दिया है. यह टायर स्टेज 2 की सीमाओं को पूरा करने के लिए वेट ग्रिप, रोलिंग रेजिस्टेंस और रोलिंग साउंड का उत्सर्जन करेंगे.
क्या क्या होगा फायदा
टायरों के रोलिंग रेजिस्टेंस से वाहनों के ईंधन क्षमता पर प्रभाव पड़ता है और वेट ग्रिप का उद्देश्य गीले सड़क और टायरों के बीच घर्षण को बढ़ाकर वाहनों को ब्रेकिंग सिस्टम की गुणवत्ता में सुधार लाना और वाहनों की सुरक्षा में बढ़ावा देना है. रोलिंग साउंड उत्सर्जन अधिक गति की परिस्थिति में सड़क और टायर के सतह के बीच संपर्क से निकलने वाले ध्वनि से संबंधित है. नए मानकों के लागू होने के बाद अचानक ब्रेक लगाने पर वाहन पर चालक का नियंत्रण कम नहीं होगा और टायर गर्म होकर फटने या गीला होने पर फिसलने की संभावना को भी कम करेगा.
विशेषज्ञों की राय, कम होंगे हादसे
बस एंड कार ऑपरेटर कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन गुरमीत सिंह तनेजा ने बताया है कि मंत्रालय के इस फैसले से होने वाले सड़क हादसों में कमी आएगी. अभी तक टायरों के मानक पुरानी सड़कों के अनुरूप हैं. पहले वाहनों की स्पीड इतनी अधिक नहीं होती थी और सड़कें भी इतनी चिकनी होती जिससे हादसे कम होते थे. समय के साथ सड़कों में सुधार हुआ है और वाहनों की गति भी बढ़ी है जिससे ओवर स्पीडिंग के कारण अचानक ब्रेक लगने की स्थिति में टायर गर्म होकर फटने और फिसलने की संभावना रहती है, मंत्रालय के इस नए फैसले से प्रतिवर्ष ओवर स्पीडिंग से होने वाले हादसों में कमी आएगी.