रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले के बाद से अमेरिका और यूरोपीय देश रूस पर प्रतिबंध बढ़ाते जा रहा है. ऐसे में अब रूस ने भी प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है. रूस ने 200 से अधिक कार और ऑटो पार्ट्स के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है. ऐसे में रूस-यूक्रेन संघर्ष से न केवल रूस में बल्कि दुनिया भर में ऑटो इंडस्ट्री पर गंभीर असर पड़ रहा है क्योंकि रूस ऑटो इंडस्ट्री से जुड़ी जरूरी चीजों का एक्सपोर्ट करता है. रूस के इस फैसले से भविष्य में ऑटो निर्माताओं के सामने कई मुश्किलें आ सकती हैं.


रूस ने कहा कि उसने “रूस के खिलाफ शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करने वाले राज्यों को कई प्रकार के लकड़ी और लकड़ी के उत्पादों के निर्यात को रोक कर दिया है.” कार और ऑटो पार्ट्स के निर्यात पर रूस का प्रतिबंध इस साल के अंत तक रहेगा. रूस की निर्यात सूची से हटाई गई वस्तुओं में वाहन, दूरसंचार, चिकित्सा, कृषि, इलेक्ट्रिक उपकरण और लकड़ी शामिल हैं. रूस के वित्त मंत्रालय ने कहा, “ये उपाय रूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों पर तार्किक प्रतिक्रिया है. इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों के निर्बाध कामकाज को सुनिश्चित करना है.” 


गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के कारण कई कार निर्माताओं ने रूस में अपने ओपरेशन्स को बंद कर दिया है. इनमें Volkswagen, Honda, Toyota, General Motors, Mercedes-Benz और Jaguar Land Rover जैसी कार निर्माता कंपनियां शामिल हैं. इसके अलावा Jeep, Fiat और Peugeot जैसे ब्रैंड्स भी इस लिस्ट में शामिल हैं. 


हालांकि, रूस में प्रमुख विदेशी कार निर्माता हुंडई ने घोषणा की कि वह आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान के कारण इसे कुछ समय के लिए रोकने के बाद फिर से उत्पादन शुरू करना चाह रही है. लेकिन, गौर देने वाली बात यह है कि कारों और ऑटो पार्ट्स के निर्यात पर अगर रूसी प्रतिबंध जारी रहता है तो यह दुनिया भर की कार निर्माता कंपनियों के लिए मुश्किल की बात है.


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