कोरोना वायरस महामारी के सामने आने के बाद से पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर चिप संकट देखने को मिल रहा था, जिसके कारण कारों का प्रोडक्शन और डिलीवरी बाधित हो रही थी. मौजूदा समय में कई कारों पर लंबा वेटिंग पीरियड है. कुछ की डिलीवरी के लिए तो ग्राहकों को एक-एक साल तक भी इंतजार करना पड़ रहा है. ऐसे में उम्मीद की जा रही थी कि जैसे-जैसे कोरोना वायरस संक्रमण कम होगा, वैसे वैसे ही सेमीकंडक्टर चिप संकट भी डाइल्यूट होता चला जाएगा लेकिन अब स्थिति ऐसी बन रही है कि सेमीकंडक्टर चिप संकट कुछ और समय तक बना रह सकता है. इसका कारण रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा संघर्ष हो सकता है.


मूडीज एनालिटिक्स के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच जारी सैन्य संघर्ष वैश्विक स्तर पर पहले से बाधित आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित कर सकता है. पहले से मौजूद सेमीकंडक्टर चिप संकट पर इसका सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ सकता है. दरअसल, सेमीकंडक्टर चिप संकट बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की आपूर्ति में इन दोनों देशों की बड़ी हिस्सेदारी है. ऐसे में रूस और यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष सेमीकंडक्टर चिप बनाने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति को बाधित कर सकता है.


रिपोर्ट के अनुसार, पैलेडियम की वैश्विक आपूर्ति में रूस की 44 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वहीं, नियॉन की वैश्विक आपूर्ति में यूक्रेन की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इन दोनों- पैलेडियम और नियॉन का इस्तेमाल कच्चे माल के रूप में सेमीकंडक्टर चिप बनाने के लिए किया जाता है. 


मूडीज का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच सैन्य संकट और गहराता है तो चिप संकट भी गहरा सकता है, जो कोरोना वायरस की शुरुआत से ही प्रभावित है. इसके कारण कारों का प्रोडक्शन भी कम हो सकता है, जिसकी वजह से कंपनियां ग्राहकों की डिमांड के अनुसार सप्लाई जारी रखने में असफल हो सकती हैं.


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