Petrol Pump Tips: भारत में पेट्रोल पंप धोखाधड़ी काफी आम है. अक्सर फ्यूल स्टेशनों पर कर्मचारियों के ग्राहकों को धोखा देने की खबरें सामने आती रहती हैं. जैसे, कभी-कभी लोगों से ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं और कभी-कभी उनके टैंक में सही मात्रा में फ्यूल नहीं भरा जाता है. कई बार तो मिलावटी फ्यूल भी भरा जाता है. हम आपको यहां कुछ टिप्स और सुझावों पर एक नजर डालते हैं जो आपको पेट्रोल पंपों पर धोखाधड़ी से बचने में मदद करेंगे.
हमेशा मीटर में देखें जीरो
जब भी अटेंडेंट आपके वाहन के टैंक में फ्यूल भरना शुरू करे, उससे पहले हमेशा मीटर की जांच करें. सुनिश्चित करें कि मीटर शून्य पर है, और अटेंडेंट ने इसे शुरू करने से पहले रीसेट किया है.
ट्रिक्स से रखें सावधान
अटेंडेंट के लिए एक सामान्य तरकीब यह है कि वह आपके वाहन में आपके कहे गए मूल्य से ज्यादा मूल्य से भर देते हैं. उदाहरण के लिए, यदि आप 500 रुपये का फ्यूल भरने को कहते हैं तो वे 200 रुपये से भरना शुरू कर सकते हैं और फिर मीटर को रीसेट करने का नाटक करते हैं.
एक और तरकीब यह है कि अटेंडेंट आपके वाहन में फ्यूल भरते समय आपका ध्यान भटका दे. इसमें आपसे एक रसीद पर साइन करने, अपने टायर के प्रेशर की जांच करने आदि के लिए कहा जा सकता है.
क्वांटिटी की करें जांच
यदि आपको संदेह है कि आपको फ्यूल की पूरी मात्रा नहीं मिल रही है, तो आप अटेंडेंट से मात्रा की जांच के लिए कह सकते हैं. यह एक टेस्ट है जहां अटेंडेंट एक कैलिब्रेटेड कंटेनर को एक खास मात्रा में फ्यूल भरता है. यदि कंटेनर सही मात्रा में नहीं भरता है, तो आप समझ सकते हैं कि आपको पूरी मात्रा में फ्यूल नहीं मिल रहा है.
प्रतिष्ठित पेट्रोल पंप पर भराएं फ्यूल
जहां तक संभव हो आप किसी ऐसे पेट्रोल पंप पर फ्यूल भराने का प्रयास करें जिसे आप जानते हों और जिस पर आपको भरोसा हो. यदि आप किसी नए क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं तो यह अधिक महत्वपूर्ण है. अच्छी तरह से प्रबंधित कर्मचारियों वाले एक प्रतिष्ठित पेट्रोल पंप पर धोखा दिए जाने की संभावना उन पंपों की तुलना में कम है, जहां कर्मचारियों पर कम या कोई नियम नहीं है. इसके अलावा, आप जो फ्यूल मांग रहे हैं उसकी मौजूदा कीमतों से अवगत रहें और सुनिश्चित करें कि पंप उतना ही चार्ज कर रहा है.
प्रीमियम पेट्रोल भरना
कभी-कभी, अटेंडेंट आपकी अनुमति के बिना, आपके टैंक को ज्यादा महंगे और प्रीमियम पेट्रोल से भर सकता है. पावर पेट्रोल में खास तौर से ऑक्टेन रेटिंग बढ़ाने के लिए एडिटिव्स होते हैं. इससे गाड़ी के इंजन पर तो कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन आपका खर्चा ज्यादा पड़ता है.
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