गाड़ियों को एडवांस बनाने के लिए ऑटो निर्माता कंपनियां कई आधुनिक फीचर्स का इस्तेमाल कारों में करती हैं, जिससे चालक और सवारी को बेहतरीन राइड इक्सपीरिएंस मिल सके. लेकिन, क्या आपको पता है कि कुछ ऐसे फीचर्स भी गाड़ियों में होते हैं, जिनका इस्तेमाल बिल्कुल न के बराबर होता है और उन फीचर्स के कारण गाड़ियों की कीमत बढ़ जाती है. इसलिए, आज हम उन 5 आधुनिक फीचर्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो मात्र आपके कार में दिखावे के लिए होते हैं.


ऑटोमैटिक सीटबेल्ट
बढ़ती टेक्नालाजी के साथ ग्राहक भी एडवांस होते जा रहे हैं. ऑटोमैटिक सीटबेल्ट वाली कई गाड़ियां बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन इस फीचर का यूज बहुत ही कम लोग करते हैं. व्यक्ति चाहे तो आसानी से सामान्य सीटबेल्ट भी पहन लगा सकता है, इसके लिए ज्यादा पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है.


सनरूफ 
शौक-शौक में लोग सनरूफ वाली महंगी कार खरीद लेते हैं. हालांकि, हकीकत में उस सनरूफ का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है. अक्सर बच्चे इससे अपना सिर बाहर निकालने के लिए जिद करने लगते हैं, जो कि बेहद जोखिम भरा होता है. इसके बिना कार की कीमत घट जाती है.


सैटेलाइट नेविगेशन
अधिकांश कारों में सैटेलाइट नेविगेशन धीमा होता है. इसे डेली अपडेट करने में समस्या होती है. यही कारण है कि Apple CarPlay और Android Auto के जरिए नेविगेशन कर सकते हैं, तो फिर इसके लिए ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है.


ऑडियो और एसी कंट्रोल वाली टचस्क्रीन
ऑडियो सिस्टम और एसी कंट्रोल को टचस्क्रीन पर देने से कार की कीमत बढ़ जाती है जबकि इसके बिना भी काम चल सकता है. जब कंपनी टचस्क्रीन पर इनके लिए कंट्रोल देते हैं, तो लग्जरी फील कराने के नाम पर कार की कीमत बढ़ा देती है.


हेडलाइट वाशर और वाइपर
ये सेडान और हैचबैक कार के लिए बहुत मायने नहीं रखता है. कारें अब बेहतर एलईडी के साथ आती हैं, जो अंधेरे में पर्याप्त रोशनी देती हैं. इसीलिए, सेडान और हैचबैक कारों में हेडलाइट वाशर और वाइपर की खास जरूरत नहीं होती है. हालांकि, एसयूवी और ऑफरोडर्स में इसकी जरूरत हो सकती है, जहां हेडलैम्प्स अक्सर कीचड़ या गंदगी से लथपथ हो जाती हैं.


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