Used Cars: लोगों में कारों का शौक होना आम बात है. इसी शौक के चलते तमाम लोग अपने घर में कारों का कलेक्शन इकठ्ठा कर लेते हैं. लेकिन अब कार लेना शौक के साथ-साथ लोगों की एक जरूरत भी बनता जा रहा है. यूज्ड कारों पर आयी हालिया रिपोर्ट इसी की तरफ इशारा कर रही है. आइये आपको बताते हैं ऐसा क्यों है.
बजट की कमी
नई और थोड़ी ठीक-ठाक कार लेने के लिए कम से कम बजट 4 लाख के आसपास का होना साधारण सी बात है. लेकिन कई लोगों की आय सीमित होने की कारण वो नई कार लेने में असमर्थ होते हैं. जिससे उन्हें यूज्ड कार का विकल्प तलाशना पड़ता है. यूज्ड कार कंडीशन के हिसाब से काफी किफायती कीमत में मिल जाती है.
कार एक जरूरत
कार काफी लोगों की लिए एक शौक, तो ज्यादातर लोगों के लिए एक जरूरत का साधन बन गयी है. खासकर अगर देखें तो कोरोना के बाद से स्थितियां काफी ज्यादा बदल गयीं हैं. अब लोग घर में वाहन होने को एक जरूरत मानते है. ताकि किसी भी गंभीर स्थिति में उन्हें कहीं आने-जाने की लिए सुविधा हो सके.
इंडियन ब्लू बुक और दास वेल्टऑटो की रिपोर्ट
ये दोनों संस्थाएं हर साल वाहनों को लेकर रिपोर्ट जारी करने का काम करती हैं. इस बार संस्था ने रिपोर्ट का पांचवा संस्करण जारी किया. जिसमें बताया गया है कि यूज्ड वाहनों के बढ़ने के क्या कारण हैं. संस्था की रिपोर्ट के अनुसार लोगों द्वारा पुरानी कारों को खरीदने के पीछे और भी कारण बताये गए हैं. जिनमे कार कंपनियों द्वारा कार की डिलीवरी देने में लगने वाला ज्यादा समय भी एक वजह है. इसके अलावा कार कंपनियों का बार-बार कारों की कीमत में वृद्धि और जल्दी-जल्दी, नए-नए मॉडल को लॉन्च करना भी इसके कारणों में शामिल है.
यूज्ड कारों की डिमांड रूरल क्षेत्र में ज्यादा
शहरों से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र में यूज्ड कारों की डिमांड ज्यादा है. इस डिमांड में लगातार बढ़ोतरी हो रही, जिसकी बड़ी वजह है ऐसे क्षेत्र में किसी आपातकालीन स्थिति में वाहन का न मिलना. इसलिए जो लोग नई कार लेने में सक्षम नहीं हैं वो विकल्प के रूप में यूज्ड कारों को खरीद रहे हैं.
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