Vehicle Re-registration: इन आसान तरीकों से कमर्शियल वाहनों को बना सकते हैं प्राइवेट वाहन, पढ़ें पूरी खबर
अधिकतर कमर्शियल वाहन, किसी निजी वाहनों की तुलना में ज्यादा चले होते हैं, इसलिए इन्हें ठीक से जांच परखकर ही खरीदना चाहिए.
Second Hand Cars Registration: अक्सर सेकेंड हैंड गाड़ियों की खोज में कुछ ऐसी गाड़ियां भी मिल जाती हैं जिनकी कंडीशन तो बहुत अच्छी होती है लेकिन वो व्यवसायिक तौर पर रजिस्टर्ड होती हैं. वैसे इन कारों को खरीदने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन फिर भी लोग इसके कमर्शियल नंबर प्लेट को देखकर पीछे हट जाते हैं. ये गाड़ियां आमतौर पर टैक्सी या किसी ट्रैवेल एजेंसी द्वारा इस्तेमाल के लिए पंजीकृत कराई गईं होती हैं. यदि आपको भी कोई ऐसी कार पसंद आती है जो कमर्शियल रूप में पंजीकृत है तो आप उसे निजी गाड़ी के रूप में बदल सकते हैं. तो चलिए जानते हैं क्या है इसका पूरा प्रोसेस.
दोबारा कराना होगा रजिस्ट्रेशन
इस कार्य के लिए कुछ पैसे खर्च करके, कुछ बेहद जरूरी नियमों का पालन करना पड़ेगा. जिसके बाद आप किसी कमर्शियल गाड़ी को अपनी प्राइवेट गाड़ी बना सकते हैं. इसके लिए आपको कुछ स्टेप्स को फॉलो करना पड़ेगा.
क्या है इसकी प्रक्रिया
कमर्शियल वाहन को पंजीकरण को निजी वाहन बनाने के लिए आपको कार के कर के पुराने ACC (परमिट और क्लीयरेंस प्रमाण पत्र) को रद्द कराने हेतु आपको क्षेत्रीय RTO प्रभारी को कारण बताकर, ब्यौरा देते हुए एक एप्लीकेशन देना होगा, इसके साथ आपको पंजीकरण प्रमाण पत्र के साथ ही बीमा, ID और एड्रेस प्रूफ जैसे डॉक्यूमेंट्स की अवश्यता होगी. अगर गाड़ी को बैंक फाइनेंस पर लिया गया था तो संबंधित बैंक से NOC लेकर भी सबमिट करना पड़ेगा.
क्या है प्रक्रिया
गाड़ी का पुराना वाणिज्यिक पंजीकरण, रद्द करने के बाद, आरटीओ द्वारा एक NOC जारी कर दी जाती है. इसके बाद वाहन मालिक इस गाड़ी के पुनः रजिस्ट्रेशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके लिए ग्राहक को अपने पैन कार्ड की एक प्रति, फोटो, NOC, पंजीकरण के लिए फॉर्म 20 या फॉर्म 35 (नियमनुसार) के साथ आईडी और एड्रेस प्रूफ जैसे डॉक्यूमेंट्स के बाद रोड टैक्स भी चुकाना पड़ता है.
इन स्टेप्स को करें फॉलो
Step 1: सबसे पहले वाहन के कमर्शियल परमिट को कैंसल करने के लिए अप्लाई करें.
Step 2: अब परमिट रद्दीकरण सर्टिफिकेट और NOC प्राप्त करें.
Step 3: अब NOC के साथ वाहन के दोबारा पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा.
अधिकतर कमर्शियल वाहन, किसी निजी वाहनों की तुलना में ज्यादा चले होते हैं, इसलिए इन्हें ठीक से जांच परखकर ही खरीदना चाहिए.
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