जब भी कोई व्यक्ति पुरानी कार खरीदता है तो आमतौर पर कार की कीमत, कार के इंजन, उसकी बॉडी, उसके स्पेसिफिकेशन और फीचर्स सहित तमाम चीजें चेक करता हैं लेकिन यहां एक बहुत जरूरी चीज कई बार छूट जाती है, वह है कार का माइलेज. जब भी कोई व्यक्ति पुरानी कार खरीदे तो उसे कार के माइलेज पर भी ध्यान देना चाहिए कि आखिर वह जो कार खरीदने जा रहा है, उसका क्या माइलेज या वह कार कितना माइलेज देती है.


इससे कार खरीदने वाले व्यक्ति को यह पता चल जाता है कि आखिर कार खरीदने के बाद उसे ईंधन के लिए कितना खर्च करना होगा. अगर आप कोई ऐसी कार खरीद लेते हैं, जिसका माइलेज कम हो तो जाहिर सी बात है कि उस कार को इस्तेमाल करने के लिए आपको ईंधन पर ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा. इसीलिए पुरानी कार खरीदते वक्त उसके माइलेज पर भी ध्यान देना चाहिए.


कार के मेंटेनेंस का लग जाता है अंदाजा
कार के माइलेज को चेक करने से आपको यह भी पता चल जाता है कि कार के पुराने मालिक ने उसे किस तरह से इस्तेमाल किया है या उसका कितना ख्याल रखा है. दरअसल, जब कार अपनी माइलेज कैपेसिटी से कम माइलेज देती है तो स्वाभाविक तौर पर उसके मेंटेनेंस में कुछ दिक्कतें रही होती हैं.


अगर कार का माइलेज अपेक्षाकृत कम होता है, तो इसका एक कारण यह भी हो सकता है कि कार बहुत ज्यादा चल चुकी है. इसका मतलब है कि कार में टूट-फूट भी ज्यादा हुई होगी. ऐसे में काफी हद तक कार में लगातार मरम्मत की संभावना रहेगी. ऐसे में पुरानी कार खरीदते वक्त माइलेज को ध्यान में रखना और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है.


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