पुरानी कारों का मेंटेनेंस खर्च क्यों बढ़ जाता है? यहां जानें कारण और इसे कम करने के टिप्स
आपने अक्सर सुना होगा कि पुरानी कारों का मेंटेनेंस खर्च ज्यादा आने लगता है लेकिन बहुत से लोग, जो पुरानी कार खरीदते हैं वह इस बात पर ज्यादा गौर नहीं देते जबकि यह बात गौर करने वाली है.
आपने अक्सर सुना होगा कि पुरानी कारों का मेंटेनेंस खर्च ज्यादा आने लगता है लेकिन बहुत से लोग, जो पुरानी कार खरीदते हैं वह इस बात पर ज्यादा गौर नहीं देते जबकि यह बात गौर करने वाली है. क्योंकि, अगर आप सस्ते में पुरानी कार खरीद लेते हैं और उसका मेंटेनेंस खर्च जितना होना चाहिए, उतना ना होकर, उससे ज्यादा है तो यह आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है.
ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के मन में यह सवाल है कि आखिर पुरानी कारों का मेंटेनेंस खर्च बढ़ क्यों जाता है तो आपको बता दें इसके कई फैक्टर्स हैं. सबसे बड़ा फैक्टर है कि जैसे-जैसे कार को इस्तेमाल करने का समय बढ़ता चला जाता है यानी कार पुरानी होती चली जाती है, वैसे-वैसे ही उसके पार्ट्स कमजोर होते चले जाते हैं और धीरे-धीरे उनमें कमी आनी शुरू हो जाती है.
फिर जब आप उन पार्ट्स को रिप्लेस कराते हैं या फिर रिपेयर कराते हैं तो उसमें ज्यादा खर्च आता है. इसके अलावा कार का रखरखाव भी काफी महत्वपूर्ण होता है. अगर कार का ठीक से रखरखाव नहीं किया जाता तो एक समय के बाद उसका मेंटेनेंस खर्च बढ़ जाता है. इतना ही नहीं. कार को लंबे समय तक रफ तरीके से चलाया जाए तो उसके माइलेज और इंजन पर बुरा प्रभाव पड़ता है. यह भी आपके मेंटेनेंस खर्च को बढ़ा सकता है.
ऐसे में सवाल है कि आखिर कार मालिक के तौर पर आप अपनी कार मेंटेनेंस को कैसे सीमित कर सकते हैं या कम कर सकते हैं. चलिए, इसके बारे में जानते हैं.
कोशिश करें कि कार खरीदने के समय से आप उसे बेहतर तरीके से चलाएं और उसका बेहतर रखरखाव करें. कार की सर्विस का खास ख्याल रखें और ठीक समय पर कार कंपनी के ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर सर्विस कराएं क्योंकि ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर संभवत: बेहतर सर्विस की जाती है.
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